-अलग-अलग मंचों पर विभिन्न कार्यक्रमों के हुए आयोजन

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PRAYAGRAJ: अक्षयवट मंच पर रविवार को मॉस्को से आए रामलीला दल की प्रस्तुति ने दर्शकों को दिल जीत लिया। राज्य संस्कृति विभाग की पेशकश में मास्को के पद्मश्री गेन्नादी पिचनिकोव मेमोरियल दिशा रामलीला ने संस्कृति विभाग के सहयोगी अयोध्या शोध संस्थान के प्रयासों से विश्व के विभिन्न रामलीला दलों की प्रस्तुति की श्रंखला में नया अध्याय जोड़ दिया। 10 जनवरी से 16 फरवरी के मध्य भारत सहित 12 देशों के कलाकारों की रामलीला प्रस्तुतियां कुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर मंचित की जा रही हैं। इन रामलीला दलों में इंडोनेशिया, त्रिनिदाद, थाईलैंड, रूस, मलेशिया, श्रीलंका, मारीशस, सूरीनाम, नेपाल, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के दल शामिल हैं। भारत का प्रतिनिधित्व दिल्ली स्थित श्रीराम भारती कला केंद्र का दल कर रहा है।

कलाकारों ने बिखेरा जलवा
रामलीला के अलावा अक्षयवट मंच पर कोलकाता के अरुपा लाहिरी ने भरतनाट्यम, जयपुर के नटराज मिश्र ने अष्टनायिका नृत्य बैले और लखनऊ के दीपक त्रिपाठी के भोजपुरी लोकगायन ने दर्शकों का मन मोह लिया। उधर भारद्वाज मंच पर आंध्रप्रदेश के श्रीधर ने मयूर एवं अग्नि नृत्य, राजस्थान की ममता देवी ने चकरी लोकनृत्य, नई दिल्ली की राधिका चोपड़ा ने उपशास्त्रीय गायन और लखनऊ की प्रीति लाल ने अवधी लोकगायन की प्रभावपूर्ण प्रस्तुति दी। कुंभ के अन्तर्गत दुसरे प्रमुख मंच, यमुना मंच पर सिक्किम की शर्मिला गादले ने सिंघी याकक्षम नृत्य, लखनऊ की रेखा मिश्र ने अवधी लोकगायन, वृंदावन के देवकीनंदन शर्मा ने महारास की प्रस्तुति की और उपस्थित दर्शकों को भारतीय कलाओं के इस संगम में भी स्नान कराया। वहीं सरस्वती मंच पर उड़ीसा के लोक-कलाकार पवित्र ने शंख रणप्पा एवं चढैया, गोरखपुर के हरिप्रसाद सिंह ने भोजपुरी लोकरंग और वाराणसी के जितेन्द्र मोहन ने चित्रकूट नाटक के मंचन से दर्शकों का खूब लुभाया। इसी क्रम में मंच लोक सेवा आयोग चौराहा, ट्रैफिक चौराहा, दरभंगा चौराहा, यमुनापुल के नीचे गऊघाट, मेडिकल चौराहे के निकट, प्रयाग जंक्शन चौराहा, के.पी.इंटर कालेज के निकट, किला चौराहा, अक्षयवट एवं लेटे हुए श्रीहनुमान मंदिर के सामने, यूनिवर्सिटी चौराहा, बालसन चौराहा पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।