PATNA : तबरेज मर्डर मामले में गिरफ्तार तारिक मलिक ने कई खुलासे किए। पुलिस की पूछताछ में तारिक ने बताया कि राजद नेता व पूर्व सांसद मो। शहाबुद्दीन के शूटर रहे मो.तबरेज आलम की हत्या की साजिश तीन गिरोहों ने मिलकर रची थी। इसके अलावा उसने बताया कि तबरेज को मारने के लिए महीने पहले ही प्लान बनाया गया था लेकिन प्लान फेल हो गया। तारिक साजिश का हिस्सा था, क्योंकि तबरेज के कहने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर ने उसके खिलाफ रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एसएसपी के मुताबिक, पूछताछ के बाद तारिक को जेल भेज दिया गया। तबरेज को गोली मारने वाले गुड्डू और बबलू उर्फ बिल्ला की तलाश में पुलिस की टीम जहानाबाद में छापेमारी कर रही है।

तारिक का था गुड्डू से संबंध

तारिक ने गुड्डू से संबंध की बात स्वीकार की है। बताया कि जब डॉ। आफताब ने एफआइआर में उसके साथ रूमी का नाम दिया था, तब उसके बारे में तारिक ने जानकारी ली। गुड्डू ने बताया कि वह रूमी मलिक को जानता है। पहले वह तबरेज के साथ ही काम करता था। तबरेज ने दूसरी दुश्मनी निकालने के लिए इस प्राथमिकी में उसका नाम दिलवाया है। जेल से छूटने के बाद वह रूमी से मिला था। लेकिन, वह ज्यादातर गुड्डू और बबलू के ही संपर्क में रहता था। गौरतलब है कि तबरेज के हत्यारों को ढूंढ़ने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस की विशेष टीम सूबे के कई जिलों मे छापेमारी कर रही है।

एक माह पहले की गई थी प्लानिंग

तारिक ने पुलिस को बताया कि लगभग एक महीने पहले रूमी ने सभी को फारूक आलम के घर पर बुलाया था। वहां रूमी और गुड्डू अपने गुर्गो के साथ पहुंचे, लेकिन गिने-चुने लोगों को ही कमरे में रखा गया। तबरेज को पहले पटना-जहानाबाद रोड पर मारने का प्लान बनाया गया, पर यहां रेकी करना संभव नहीं था, क्योंकि उसके साथ सुरक्षाकर्मी रहते थे। तब रूमी ने तन्नू मियां से संपर्क किया। तन्नू ने उसे बताया कि डब्ल्यू मुखिया से फुलवारीशरीफ के नोहसा में एक भूखंड को लेकर विवाद चल रहा है। इसके बाद तीनों गिरोहों ने मिलकर तबरेज की हत्या की साजिश रच डाली। इसके लिए सिवान से भी शूटरों को मंगाया जा रहा था।

ऐसे रची गई थी हत्या की साजिश

तन्नू मियां का गुर्गा तबरेज की रेकी कर रहा था। इनको पता चला कि गांधी मैदान में जेपी गोलंबर के पास एक रेस्टोरेंट में तबरेज किसी बिल्डर के साथ मीटिंग करने वाला है। प्लानिंग थी कि तबरेज के साथ बैठे बिल्डर को भी गोली मार दी जाए, ताकि पुलिस इस भ्रम में रहे कि हत्यारे किसे मारने आए थे? लेकिन यह प्लानिंग इस लिए फेल हो गई, क्योंकि तबरेज ने बिल्डर को ग्रांड चंद्रा अपार्टमेंट स्थित कार्यालय में बुला लिया और वहीं मुलाकात की, जहां बाहरी व्यक्ति का प्रवेश संभव नहीं था। तब तन्नू के गुर्गे ने जुमे की नमाज के समय के बारे में बताया, जिस पर सहमति बन गई। गुरुवार की रात गुड्डू और बिल्ला पहुंचे। डब्ल्यू मुखिया ने उन्हें सब्जीबाग में ठहराया और ऑटोमेटिक पिस्टल मुहैया कराई। रूमी और तन्नू मियां के गुर्गो ने घटना के वक्त रेकी ही नहीं की, बल्कि अलग-अलग स्थानों पर खड़े रहकर गुड्डू और बिल्ला को बैक-अप भी दे रहे थे।