- सपा की सीमा और भाजपा के कुलविंद्र के बीच है कांटे की टक्कर

- शुक्रवार को कलक्ट्रेट में गहमागहमी के बीच भरे गए नामांकन

- कैबिनेट मंत्री मंजूर को पीछे कर अखिलेश ने खेला सीमा पर दांव

Meerut : एक ओर प्रदेश के कई जिलों में सपा को वॉकओवर मिला है तो वहीं मेरठ का जिला पंचायत अध्यक्ष वेस्ट में सत्ताधारी का कद तय करेगा। कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर को धकेलकर सपा हाईकमान ने इस बार युवा अतुल पर दांव खेला। मंजूर के बेटे नवाजिश को परे धकेलकर सपा अतुल की पत्नी सीमा को अध्यक्षी के अखाड़े में उतारकर बेशक प्रयोग किया है। सपा की हार-जीत न सिर्फ वेस्ट में पार्टी का कद तय करेगी बल्कि 2017 के विधानसभा चुनाव को प्रभावित करेगी। अपोजिट में भाजपा के कुलविंद्र हैं और पूरे दम से चुनाव लड़ रहे हैं।

सीमा-कुलविंद्र के बीच कड़ी टक्कर

शुक्रवार के दिन जिला पंचायत अध्यक्ष के नॉमिनेशन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुए। सपा से अतुल प्रधान की पत्‍‌नी सीमा प्रधान ने सपा के सीनियर लीडर के बीच नॉमिनेशन किया। वहीं दूसरी ओर कुलविंद्र ने भाजपा के सीनियर लीडर्स के साथ नॉमिनेशन के लिए पहुंचे। दोनों के बीच काफी कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। जहां एक ओर सपा लीडर 34 में 20 मेंबर्स होने का दावा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के सीनियर लोग 25 मेंबर होने का दावा कर रहे हैं।

निशाना 2017 के विधानसभा पर

समाजवादी पार्टी के लिए ये चुनाव कई मायनों में अहम माना जा रहा है। चुनाव में यूपी गवर्नमेंट के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर और छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान का कद तो तय होगा ही 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा की स्थिति भी साफ होगी। वर्चस्व के लिए वेस्ट यूपी में लड़ रही सपा के लिए यह दांव उसी स्थिति में माफिक साबित होगा जब सीमा के सिर अध्यक्षी का ताज सजे। मेरठ और आसपास के जिलों की राजनीति का केंद्र और फेस दोनों ही अतुल के पर केंद्रित हो जाएंगे। दबी जुबान में तो यह भी कहा जा रहा है कि अगले विस चुनावों में किठौर से शाहिद मंजूर का पत्ता साफ हो सकता है।

मौका नहीं छोड़ रही भाजपा

नॉमिनेशन के दौरान भाजपा के फायर ब्रांड संगीत सोम ने शुक्रवार को पुलिस-प्रशासन पर सपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप लगाया। बता दें कि वेस्ट में कद को बरकरार रखने के लिए और गंवई राजनीति में पैर जमाए रखने के लिए भाजपा जिपं अध्यक्ष को 'ब्रिज' मान रहा है। आरोप यह भी है कि कुलविंद्र के साथ भाजपा के बड़े नेताओं और सांसद को नॉमीनेशन रूम में अंदर नहीं जाने दिया गया। अब 7 तारीख को पता चलेगा कि जीत किसके हिस्से में आती है?

हमारी पार्टी के कैंडीडेट के हारने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। दूसरी बात हम आज भी अपने साथ 23 मेंबर्स साथ लेकर आए थे। जो हमारे आखिरी वक्त तक खड़े रहेंगे। अतुल प्रधान के एक गुर्जर नेता है। गुर्जर समाज में पार्टी की मजबूती और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। वहीं पार्टी के पक्ष में जिले में ही नहीं आसपास भी एक पॉजीटिव माहौल बनेगा।

- जयवीर सिंह, जिला अध्यक्ष, सपा

हम जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किस माहौल में लड़ रहे हैं सभी को पता है। सत्ताधारी दल हर हथकंडा अपना रहा है। ऐसे में भी हम पूरी मजबूती के साथ मैदान में डटे हुए हैं। हमें जीत का पूरा विश्वास है। हार का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जीत के साथ पार्टी के प्रति लोगों में विश्वास और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

- अजीत सिंह, उपाध्यक्ष, भाजपा जिला इकाई