मुंबई(ब्यूरो)। अभिनेता संजय खान अपनी आत्मकथा 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' को लेकर उत्साहित हैं। इस किताब में पाठक उनकी फिल्मों की दुनिया, परिवार और उनके हादसे के बारे में जान सकेंगे। अपने जमाने के मशहूर अभिनेता का कहना है कि उनकी आत्मकथा से एक अच्छी फिल्म बन सकती है। मुंबई में दीपावली से पहले उनकी किताब लांच की जाएगी। वे कहते हैं कि मेरे पास एक पब्लिशिंग कंपनी से फोन आया कि वे मेरी बॉयोग्राफी लिखना चाहते हैं। तब मैं चुप रहा, फिर अचानक मेरे दिमाग में पुरानी यादें ताजा होने लगीं। मैंने किताब के लिए अपनी सहमति दे दी और इस तरह से मेरी किताब की शुरुआत हुई।' 
किताब में शीर्षक की व्याख्या 
संजय खान अभिनेता होने के साथ ही निर्देशक और निर्माता भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि बॉयोग्राफी लिखना आसान नहीं था। सच्चाई बोलती है, लेकिन पूरी कहानी नहीं कह सकती। किताब लिखने की यात्रा में मैंने महसूस किया कि यह खुद को खोजने की एक प्रक्रिया है। किताब का शीर्षक 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' रखने पर संजय खान कहते हैं, 'आप 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' को नीरस ढंग से नहीं पढ़ सकते। मैंने इस किताब में अपने जीवन के अनुभव लिखे हैं और इस शीर्षक की व्याख्या भी की है, जिससे पाठक संतुष्ट हो सकेंगे।'
दोस्तों के बारे में भी है लिखा 
 इस किताब में संजय ने अपनी अभिनेत्रियों का भी जिक्र किया है। इसमें दिवंगत अभिनेत्री नंदा भी शामिल हैं, जिन्होंने संजय के साथ 'वो दिन याद करो', 'बेटी' और 'अभिलाषा' जैसी फिल्में की थीं। इसके अलावा संजय के दोस्तों को भी इस किताब में जगह मिली है। वे कहते हैं कि 'मैंने अपने प्रिय दोस्त राज कपूर, धर्मेद्र, संजीव कपूर और सुनील दत्त के बारे में लिखा है।'

 

मुंबई(ब्यूरो)। अभिनेता संजय खान अपनी आत्मकथा 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' को लेकर उत्साहित हैं। इस किताब में पाठक उनकी फिल्मों की दुनिया, परिवार और उनके हादसे के बारे में जान सकेंगे। अपने जमाने के मशहूर अभिनेता का कहना है कि उनकी आत्मकथा से एक अच्छी फिल्म बन सकती है। मुंबई में दीपावली से पहले उनकी किताब लांच की जाएगी। वे कहते हैं कि मेरे पास एक पब्लिशिंग कंपनी से फोन आया कि वे मेरी बॉयोग्राफी लिखना चाहते हैं। तब मैं चुप रहा, फिर अचानक मेरे दिमाग में पुरानी यादें ताजा होने लगीं। मैंने किताब के लिए अपनी सहमति दे दी और इस तरह से मेरी किताब की शुरुआत हुई।' 

किताब में शीर्षक की व्याख्या 

संजय खान अभिनेता होने के साथ ही निर्देशक और निर्माता भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि बॉयोग्राफी लिखना आसान नहीं था। सच्चाई बोलती है, लेकिन पूरी कहानी नहीं कह सकती। किताब लिखने की यात्रा में मैंने महसूस किया कि यह खुद को खोजने की एक प्रक्रिया है। किताब का शीर्षक 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' रखने पर संजय खान कहते हैं, 'आप 'द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' को नीरस ढंग से नहीं पढ़ सकते। मैंने इस किताब में अपने जीवन के अनुभव लिखे हैं और इस शीर्षक की व्याख्या भी की है, जिससे पाठक संतुष्ट हो सकेंगे।'

दोस्तों के बारे में भी है लिखा 

 इस किताब में संजय ने अपनी अभिनेत्रियों का भी जिक्र किया है। इसमें दिवंगत अभिनेत्री नंदा भी शामिल हैं, जिन्होंने संजय के साथ 'वो दिन याद करो', 'बेटी' और 'अभिलाषा' जैसी फिल्में की थीं। इसके अलावा संजय के दोस्तों को भी इस किताब में जगह मिली है। वे कहते हैं कि 'मैंने अपने प्रिय दोस्त राज कपूर, धर्मेद्र, संजीव कपूर और सुनील दत्त के बारे में लिखा है।' 

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