चढ़ाई चादर

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की ओर से दोपहर 2:30 बजे सबसे लम्बी 575 मीटर की सतरंगी चादर शाहजहां की कब्र पर चढ़ाई गई। इसमें कमेटी के मेम्बर्स के साथ-साथ हजारों लोगों ने भाग लिया। हिंदुस्तान के सभी धर्मों का संदेश देने वाली इस चादर में जैन गुरु, जिला काजी और सभी धर्म के लोगों ने भाग लिया। कमेटी के अध्यक्ष ताहिर उद्दीन ताहिर के नेतृत्व में साउथ गेट से शानदार तरीके से चादर पोशी की गई। चादर चढ़ाने में हाजी मिर्जा, सरदार वेग, आसिफ वेग, आरिफ तैमुरी, विपिन कुमार जैप, ब्रजेश गुप्ता, उमा शंकर पांडे और मुहम्मद शमशाद उपस्थित रहे।

उमड़ा सैलाब

शाम सात बजे तक उर्स में चादरपोशी का सिलसिला जारी रहा। यूपी फतेहपुर मुतव्वली मस्जिद और गाइड एसोसिएशन की ओर से भी चादर चढ़ाई गई। चादर पोशी के साथ ही कुरआन ख्वानी, कुल शरीफ और दुआ भी की गई। इसके अलावा कई अन्य एसोसिएशन की ओर से भी चादर चढ़ाने का दौर चलता रहा। कव्वाली और ढ़ोल के साथ चादर पोशी की गई।

फ्री थी एंट्री

शाहजहां के उर्स के चलते पिछले तीन दिन से ताज में दो से पांच एंट्री फ्री रही। मंडे को सुबह से एंट्री फ्री होने से टूरिस्ट का ग्राफ अन्य दिनों के कम्पेरिजन में अधिक रहा। भीड़ अधिक होने के चलते सीआरपीएफ को सिक्योरिटी का खास ध्यान रखना पड़ा। ताज के बाहर और अंदर टाइट सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया।

excited हुए टूरिस्ट

ताज का दीदार करने पहुंचे विदेशी टूरिस्ट के लिए उर्स एक नायाब एक्सपीरियंस लेकर आया। जर्मन से आए एंड्रीज ने बताया कि उनको उर्स के मौके पर ताज आना बहुत अच्छा लग रहा है। उनके लिए यह सब कुछ कभी न भूलने वाला मूमेंट है। वहीं सिंगापुर से अपनी मेरिज एनीवर्सिरी सेलीब्रेट करने आईं गिना और उनके हसबेंड विल्सम भी काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर उनको मौका मिला तो हर साल वो उर्स के मौके पर यहां आना पसंद करेंगे।

हुई मुश्किल

अधिक भीड़ के चलते मुख्य कब्रदाह के पास व्यवस्थाएं चरमरा गईं। भीड़ को काबू करना सीआरपीएफ के लिए मुश्किल हो गया। हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ को कंट्रोल करने के लिए बैरियर भी लगाने पड़े। भीड़ का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि चमेली फर्श से मुख्य मजार में जाने के लिए इसका एक सिरा मुख्य मजार पर था, तो दूसरा सेंट्रल टैंक के पास। हालांकि पिछले साल के कम्पेरिजन में भीड़ थोड़ी कम रही।

घंटो किया इंतजार

शाहजहां और मुमताज की कब्र साल में एक बार सिर्फ उर्स के मौके पर खुलती हैं। इन असली कब्र को देखने के लिए लोगों ने घंटो लाइन में लगकर इंतजार किया। ज्यादा भीड़ के चलते टूरिस्ट्स को शू कवर भी मिलने में मुश्किल आई। इस संगमरमरी इमारत को देखने के लिए हर कोई लाइन में खड़ा इंतजार करता नजर आया।