संदिग्ध मोहम्मद अहमद मोहम्मद की उम्र 27 साल है और उन्हें लंदन की एक मस्ज़िद से अपना शरीर और चेहरा ढककर निकलते हुए देखा गया था.

मेट पुलिस के आतंकवाद निरोधक कमांड, एमआई 5 और ब्रिटेन की सीमा सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं.

वे दूसरे चरमपंथी हैं, जिसके बारे में ग़ायब होने संबंधी सूचना सार्वजनिक की गई है.

टेररिज़्म प्रिवेंशन एण्ड इनवेस्टिगेशन मेजर्स ने सोमाली मूल के व्यक्ति के पश्चिमी लंदन की ऑक्टन स्थित मस्जिद से फ़रार होने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी है.

उनके फ़रार होने के बाद गृह सचिव को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था.

भागने के तीन रास्ते

ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद के अल-शबाब के साथ गहरे रिश्ते हैं, इस सोमाली गुट ने नैरोबी के शॉपिंग मॉल पर सितंबर में हमला किया था. जिसमें 67 लोगों की मौत हो गई थी.

ब्रिटेनः बुर्क़े वाले संदिग्ध आंतकी की तलाश

लेकिन अधिकारियों का दावा है कि उन पर आपराधिक मामला दर्ज़ करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं थे.

उनके फ़ोटो को वार्निंग इंडेक्स डेटा बेस में डाला गया है. ब्रिटेन की सीमा एजेंसी पर काम करने वाले अधिकार बंदरगाह और हवाई अड्डों पर उसकी तलाश कर रहे हैं, वहीं ख़ुफ़िया अधिकारी पुलिस के साथ मिलकर उसके छिपने के अन्य संभावित ठिकानों का तलाश कर रहे हैं.

अगर यह बात मान ली जाए कि वह आत्म समर्पण की योजना नहीं बना रहे हैं तो उसके पास मोटे तौर पर तीन विकल्प हैं.

पहला वे ब्रिटेन में ठहरें और छिपा रहें. जाँचकर्ता कयास लगा रहे हैं कि वह आपराधिक अन्डरवर्ल्ड के साथ संपर्क साधने की कोशिश करेंगे.

नकली पहचान की बाधा

क़ैद से बचने के लिए उनको नए नकली पहचान की जरूरत होगी, लेकिन इसके बावजूद उनके पकड़े जाने का ख़तरा बना हुआ है. उनके छिपने के ठिकानों के बारे में लोग पुलिस को फ़ोन करके सूचना दे सकते हैं.

उनके पास दूसरा विकल्प ब्रिटेन से पूर्वी अफ़्रीका भाग जाने का है. अगर वे कीनिया चले जाते हैं तो वहाँ पर काफ़ी व्यवस्थित गुप्त पाइप लाइन हैं, जिनका इस्तेमाल अल-शबाब यूरोप और अमरीका से सोमालिया जाने के लिए करता है.

कीनिया के अधिकारी उनको पकड़ सकते हैं, लेकिन वहां ढेर सारे जेहादियों ने कीनिया-सोमाली सीमा का इस्तेमाल भागने और अल-शबाब में शामिल होने के लिए किया है.

ब्रिटेन की सरकार के अनुमान के मुताबिक़ वहां तकरीबन 50 ब्रिटिश जेहादी सोमालिया में अल-शबाब के साथ ट्रेनिंग और लड़ाई में शामिल हैं. यह संख्या सीरिया में अल-क़ायदा से जुड़े समूहों में शामिल होने वालों से काफ़ी कम है.

मोहम्मद के पास तीसरा संभावित विकल्प यूरोप भाग जाने का है. अगर वो नकली पहचान प्राप्त कर लेते हैं तो संभावना है कि यूरोपीय देशों में जा सकते हैं. लेकिन अधिकांश सोमाली अल-शबाब के साथ जुड़ना नहीं चाहते.

लेकिन उनकी तस्वीर बहुत तेज़ी से लोगों के बीच पहुंचाई जा रही है, इससे उनको आसानी से पहचाना जा सकेगा.

गिरफ़्तारी की संभावना

पिछले साल अपने एक फ़ैसले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने कहा था कि सुरक्षा सेवाओं के मुताबिक़ उनके तार 6 ब्रिटिश नागरिकों के समूह से जुड़े हैं, जिन लोगों ने 2006 में सोमालिया में अलक़ायदा की आंतकी प्रशिक्षणों में हिस्सा लिया था.

फ़ैसले के मुताबिक़ सोमालिया में वो अल़-शबाब के समर्थन में लड़े और 2008-2010 के बीच  चरमपंथी गतिविधियों के लिए हथियार जुटाने में लगे थे.

गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर पुलिस उनको पकड़ने में कामयाब होती है तो मोहम्मद को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा क्योंकि उनका नाम आपराधिक गतिविधि वाले रिकॉर्ड में दर्ज़ है.

दूसरे भगोड़े इब्राहिम मगाग एक टैक्सी से 2012 में बॉक्सिंग डे के दिन भागने में कामयाब रहे थे. उनको भी अभी तक पकड़ा नहीं गया है.

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