सीसीएसयू में कई मामलों की जांच अधर में, सुरक्षा के दावे फेल

नहीं हो पाई अभी तक कई जांचे पूरी, शुरु होने को है नया सत्र

नए सत्र से पहले सुरक्षा को लेकर बदलाव के किए गए थे दावे

Meerut. ब्लैकलिस्टेड स्टूडेंट्स की लिस्ट नहीं बनी. रद्दी का गुपचुप तरीके से टेंडर पास हुआ, पर कोई कार्रवाई नही. नकलचियों पर कोई कार्रवाई नहीं. रजिस्ट्रार पर हमला हुआ पर कुछ खास कार्रवाई नहीं. यूनिवर्सिटी के पिछले सत्र में इस तरह के प्रकरणों की कतार लगी थी. मगर इसके बावजूद सीसीएसयू की तरफ से सुरक्षा के दावे किए गए. ये सभी कागजो व प्लान तक ही सीमित रह गए. न तो अभी तक इन पर कोई काम हुआ और न ही किसी तरह के सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए. इसका अंदाजा तो यूनिवर्सिटी पर होने वाली अंजान लोगों की एंट्री को देखकर भी लगाया जा सकता है जो मंगलवार को आई नेक्स्ट के रियेलिटी चेक में भी सामने आया.

नहीं बने वाहन पास

यूनिवर्सिटी में एक साल पहले भी वाहन पास बनाने का मुद्दा उठा था, लेकिन पास नहीं बनाए गए. इसके बाद बीते छह माह से लगातार वाहन पास बनाने की चर्चाएं गर्म हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है. यूनिवर्सिटी की तरफ से रेगुलर स्टूडेंट्स के लिए तय समय सीमा वाला पास, टैम्प्रेरी पास व स्टाफ का पास तीन अलग-अलग कलर में जारी होने थे, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया.

बिना चेकिंग के एंट्री

यूनिवर्सिटी में मंगलवार को कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रियेलिटी चेक किया. सामने आया कि यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर न तो किसी से पूछताछ हो रही है और कोई चेकिंग. यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में भी बिना कार्ड दिखाए ऐसे ही बाहरी छात्रों को प्रवेश की छूट दी गई. विभागों में भी स्टूडेंट्स बिना किसी पूछताछ के एंट्री करते पाए गए, सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में भी बिना चेकिंग के प्रवेश हो रहा था.

बीते आठ माह में है बहुत

बीते छह माह की बात करें तो यूनिवर्सिटी में 20 से अधिक मामले ऐसे हैं, जिनकी जांच में कुछ खास नहीं मिला है. इनमें हंगामा, ब्लैकलिस्टेड स्टूडेंट, यूनिवर्सिटी में कॉपी घोटाला, एमबीए एग्जाम में कॉपी बदलना, 360 नकलचियों के मामले शामिल हैं. अगर हम इसी माह की बात करें तो छह जांच ऐसी हैं, जिनका कोई खास फैसला नहीं निकल पाया है.

ये है इसबार की छह जांच

28 अप्रैल 2019 को शामली के एक कॉलेज में सामूहिक नकल का मामला सामने आया था. जिसके बाद यूनिवर्सिटी बीते सभी मामले भूल गई, इसमें भी अभी जांच की प्रक्रिया चल रही है बताया जा रहा है.

25 अप्रैल 2019 को पूर्व रजिस्ट्रार वीपी कौशल व परीक्षा नियंत्रक के साथ मारपीट का मामला सामने आया था. इसमें भी यूनिवर्सिटी ब्लैकलिस्टैड स्टूडेंट्स की सूची तैयार नहीं कर पाई है.

18 अप्रैल 2019 को केपी हॉस्टल में छात्र नेता हंस चौधरी व उसके साथियों व हॉस्टल के वार्डन के बीच विवाद का मामला सामने आया. इसमें भी जांच का निर्णय नही आया.

17 अप्रैल 2019 को ही केपी हॉस्टल में ही कुछ छात्रों व कर्मचारी के बीच मारपीट का मामला सामने आया, लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हो पाई.

3 अप्रैल 2019 को दुर्गाभाभी ग‌र्ल्स हॉस्टल में तीन छात्राओं को एक साल से अवैध तरीके से रहते हुए पकड़ा गया था. मामले में छात्राओं को हॉस्टल खाली करने को कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई, मामला बीच में ही लटका रह गया.

कई ऐसी जांच हैं, जो चल रही हैं. ऐसा नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी जांच को भूल गया है. दरअसल जांच में समय लगता है. जल्द ही कार्रवाई होगी. ब्लैकलिस्टेड स्टूडेंट्स की लिस्ट भी बन रही है. इसे जल्द पुलिस के हवाले किया जाएगा.

प्रो. वीरपाल, चीफ प्रोक्टर , सीसीएसयू