फेमस आर्टिस्ट सीमा ने कहा किसी बात पर इतना घमासान क्यों

छोटी सी बात को इश्यू बनाने पर वह जताई नाराजगी

ALLAHABAD: असहिष्णुता के मुद्दे के बीच हाल में ही आमिर खान द्वारा दिए गए बयान पर शहर पहुंचीं फेमस फिल्म एंड थिएटर आर्टिस्ट सीमा विश्वास ने बेबाकी से अपनी बात रखी। आईनेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने कहा कि आखिर देश में दूसरे भी कई मुद्दे है, लोग उन पर बात क्यों नहीं करते है। हमारे देश में आज भी एजूकेशन की कम व्यवस्था और पॉपुलेशन सबसे बड़ी समस्या है। उसको छोड़कर लोग इस प्रकार के मुद्दो पर चर्चा कर रहे है। कई बार मुझे शर्म आती है कि हमारे देश में इन बातों पर घंटो डिबेट होती है। जबकि दूसरे कई बड़े मुद्दे जो देश के विकास से जुडे़ है, उन पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है।

कॉमन बात पर बवाल क्यों

आमिर खान के जरिए दिए गए बयान पर सीमा विश्वास ने कहा कि ये तो बेहद कामन बात है। कई बार हम सभी करप्शन आदि चीजों से ऊबकर ये डायलॉग बोलते है कि इससे अच्छा कही और जाकर रहे। लेकिन इसका दूसरे तरह से मतलब निकाल लेना गलत है। आमिर खान ने बातचीत के दौरान सामान्य ढंग से ही कोई बात कही, उस एक प्वाइंट को पकड़कर पर चर्चा करना गलत है। आखिर कोई क्यों धर्म, जाति के नाम पर इस प्रकार का विवाद खड़ा करता है। ऐसे में तो विदेशों में देखने वाले भी हमारे देश के बारे में गलत ही सोचेंगे। इस प्रकार की चर्चा करने से हमारे देश की गलत इमेज बाहर जाएगी।

लेमैन की नहीं है ऐसी मानसिकता

क्या आप को कहीं असहिष्णुता दिखती है, जैसे सवाल के जवाब में सीमा विश्वास ने कहा कि आम लोगों की ऐसी मानसिकता नहीं है। फिलहाल देश में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। सिर्फ कुछ पॉलिटीशियन ही लोगों की भावनाओं को भड़काते हैं। इसमें एक बड़ा रोल मीडिया का भी है। मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और ऐसे मुद्दों पर घंटो पैनल बैठाकर डिबेट कराने से बचना चाहिए। लेकिन मीडिया का ध्यान भी इस ओर अभी नहीं जा रहा है।

पेरिस की तरह कब सोचेंगे हम

पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के बाद वहां के पॉलिटीशियन के बयान को सुनकर खुशी होती है। वे लोग कहते है कि इस प्रकार की दहशतगर्दी फैलाने वालों को चुन-चुन का मारेंगे। जिन्होंने हमारे यहां के निर्दोष लोगों को अपना शिकार बनाया है। लेकिन हमारे देश में ऐसा बयान कभी सुनने को नहीं मिलता है। आखिर हम भी उन देशों की तरह कब सोचेंगे।

थिएटर में भी हो थोड़ा सा मसाला

शहर में नाटक के मंचन के लिए पहुंची सीमा विश्वास ने थिएटर में लोगों की रुचि कम होने को लेकर काफी चिंता दिखाईं। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि थिएटर में भी थोड़ा मसाला हो। जो लोगों को अपनी ओर खींच सके। शहर में पहली बार परफार्मेंस देने आई सीमा ने कहा कि थिएटर की कहानियां ऐसी हों, जो आम आदमी को समझ में आए, ना कि किसी वर्ग विशेष के लोगों को। क्योकि बगैर इंटरटेनमेंट के थिएटर को चलाए रखना बेहद कठिन है। लोगों को थिएटर की आदत डलवानी पड़ेगी। तभी थिएटर के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा।

टैगोर की कहानी है स्त्री पर

नाटक के मंचन के लिए आयी सीमा विश्वास ने बताया कि शुक्रवार को एनसीजेडसीसी में मंचित होने वाले नाटक में वे मुख्य पात्र की भूमिका में हैं। नाटक की कहानी गुरू रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई है। नाटक का डायरेक्शन सीमा विश्वास ने किया और दौलत राम वैद्य एसोसिएट डायरेक्टर हैं। जबकि साउंड और म्यूजिक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की स्टूडेंट्स रही स्नेहा कुमार ने दिया है। उन्होंने बताया कि लोग ड्रामा को देखने के लिए एनसीजेडसीसी से पास हासिल कर सकते है। नाटक की कहानी एक ऐसी महिला की है, जो सक्षम होने के बाद भी कुछ बदलाव नहीं ला सकती है और वो आखिर में खुद को कोसती है कि आखिर उसने अपने आस पास से ही बदलाव लाने की शुरुआत क्यों नहीं की। सीमा विश्वास ने शहर के लोगों से इस नाटक को देखने की अपील भी किया।