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JAMSHEDPUR: लौहनगरी के विभिन्न थानों में करोड़ों रुपयों की जब्त गाडि़यां जंग खा रही हैं। इसके बावजूद इनकी नीलामी नहीं की जा रही है।

थानों में सालों से जंग खा रहे वाहनों की कीमत का अंदाजा उसे देखकर कबाड़ के भाव में लगाया जा सकता है। विभिन्न थानों में सड़ रहे अधिकांश वाहनों के चक्के, इंजन या फिर अन्य महत्वपूर्ण पुर्जे भी गायब हो गए हैं। ाथ ही खुले आकाश के नीचे वाहनों के रखे जाने के कारण कई वाहन के तो ढांचे ही शेष बचे हैं। थानों में पुलिस ने ट्रक, टू-व्हीलर एवं अन्य सभी प्रकार के वाहनों को जब्त कर रखा है। ये वाहन आपरधिक वारदात में, संपत्ति कुर्क में या फिर आपराधिक मुकदमों केरूप में जब्त हैं या फिर पुलिस ने वाहनों की बरामदगी लावारिश अवस्था में किया है।

बिष्टुपुर थाना में सबसे अधिक

सबसे अधिक क्क्0 वाहन बिष्टुपुर थाना में हैं। इसके बाद साकची में 9भ्, जुगसलाई में क्0भ्, बागबेडा में ख्भ्, बर्मामाइंस में भ्0, मानगो में 80 समेत अन्य कई थाने में वाहन जब्त कर रखे हुए हैं। इन वाहनों में टू-व्हीलर, फोर व्हीलर, ट्रक, साइकिल समेत ऑटो भी शामिल हैं। थानों में जब्त वाहनों में अधिकांश ऐसे वाहन हैं, जिनका कोई हकदार पुलिस के समक्ष नहीं आया या फिर वाहन चोरी के थे। कई ऐसे भी वाहन हैं, जिनके बीमा के पैसे वाहन मालिक ने बीमा कंपनी से वसूल लिए।

राज्य बनने के बाद नीलामी नहीं

थानों में जब्त वाहनों की नीलामी झारखंड सरकार के गठन के बाद नहीं हो पाई है। संयुक्त बिहार में जमशेदपुर के एसपी रहे डॉ। अजय व पालटा के कार्यकाल में साकची, बिष्टुपुर एवं जुगसलाई थानों समेत कई थानों में वाहनों की नीलामी कराई गई थी। नीलामी के एवज में लाखों रुपए सरकारी खजाने में जमा हुए थे।

पांच साल से खड़ी है क्रेन

जुगसलाई थाना में तामिलनाडु नंबर की एक क्रेन पिछले पांच साल से खड़ी है। यह एक ठेका कंपनी के अधीन टाटा स्टील में चलती थी, जिसे तत्कालीन डीएसपी जेएन सिंह ने जब्त किया था। वाहन पर फर्जी नंबर था लाखों का टैक्स भी वाहन पर बकाया है।

क्या है नियम जब्त वाहन की नीलामी का

पुलिस वाहन जब्ती के छह महीने के बाद उनकी नीलामी की कानूनी प्रकिया कर सकती है, जबकि आपराधिक मामलों में या फिर विभिन्न कांड में जब्त वाहनों की नीलामी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के निर्देश पर की जा सकती है। वाहन की नीलामी कराने के लिए जब्त वाहनों की कीमत का आकलन डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (डीटीओ) करेंगे और इसके बाद दंडाधिकारी की मौजूदगी में नीलामी होगा।