40 लाख स्मार्ट मीटर का टेंडर फाइनल
40 लाख अतिरिक्त स्मार्ट मीटर का टेंडर प्रॉसेस में
1200-1300 करोड़ स्मार्ट मीटर की लागत
9 लाख के करीब उपभोक्ता लखनऊ में
- उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उठाया स्मार्ट मीटर टेक्नोलॉजी पर बड़ा सवाल
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LUCKNOW उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद दावा किया गया था कि अब उपभोक्ता घर बैठे ही बिजली बिल जेनरेट कर सकेंगे लेकिन उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से स्मार्ट मीटर की टेक्नोलॉजी पर उठाए गए सवाल के बाद इस सुविधा पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, परिषद अध्यक्ष की माने तो स्मार्ट मीटर के दौरान आ रहे खर्च को घूमा फिराकर कहीं न कहीं टैरिफ में जोड़ा जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का भार पड़ने का डर सता रहा है.
यह है मामला
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के उठाए मुद्दे से साफ है कि स्मार्ट मीटरों से लोगों को खास राहत नहीं मिलने वाली है. उनकी माने तो स्मार्ट मीटर में मोबाइल कंपनी के सिम लगे हैं, जो 2जी व 3जी टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं. इन मीटरों की गारंटी 5 वर्ष है जबकि अब यह टेक्नोलॉजी मोबाइल कंपनियां धीरे-धीरे बंद कर रही हैं. कंपनियां 4जी व 5जी की ओर बढ़ रही हैं.
यहां भी यही हाल
औद्योगिक कनेक्शनों में लगने वाले मीटर मॉडम भी 3जी टेक्नोलॉजी के खरीदे जा रहे हैं. उसे भी 4जी व 5जी टेक्नोलॉजी का होना चाहिए.
उपभोक्ता होंगे परेशान
शहर में घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम हो रहा है. परिषद अध्यक्ष की माने तो स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ता घर से ही बिल जेनरेट कर सकते थे, उन्हें औसत रीडिंग की मार का सामना नहीं करना पड़ता. चूंकि टेक्नोलॉजी नई नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में स्मार्ट मीटर जवाब देना शुरू कर देंगे. लोगों को कोई सुविधा नहीं मिलेगी.
वर्जन
स्मार्ट मीटर में 2जी-3जी टेक्नोलॉजी यूज हो रही है, जबकि अब जमाना 4जी-5जी का है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को स्मार्ट मीटर से सुविधा मिलने की जगह समस्या ही होगी. ऊर्जा मंत्री के सामने मामला रखा है. उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है.
अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष,
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद