- ओडीएफ के तहत लगाया जाएगा प्लांट, सीवेज वेस्ट से बनेगी खाद और बायो गैस

- नगर निगम ने तैयार की कार्ययोजना, चुनाव बाद शासन को भेजेंगे प्रस्ताव

बरेली : स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम ने सेप्टेज फिकल्स मैनजमेंट प्लांट लगाने की कार्य योजना बनाई है. इसके तहत शहरियों को सीवर भराव की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा. साथ ही इससे जल पॉल्यूशन पर भी रोक लगेगी. हाल ही में स्मार्ट सिटी के तहत अलवर में हुई बैठक में सीएसई ने सभी नगर निगम का प्लांट लगाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के आदेश जारी किए हैं. चुनाव के बाद शहर में जगह की पहचान कर प्लांट लगाने का काम शुरू किया जाएगा.

ऐसे काम करेगा प्लांट

शहर के सभी वार्डो में बने सीवर को पाइप लाइन के माध्यम से प्लांट से जोड़ा जाएगा. पाइप के माध्यम से सीवर से होकर जाने वाला मैला प्लांट में पहुंचेगा जहां इसका ट्रीटमेंट किया जाएगा. पानी का यूज खेतों में सिंचाई के लिए किया जाएगा.

प्लांट में यह बनाया जाएगा

सीवेज वेस्ट में नाइट्रोजन, तांबा, लोहा, मैगनीज जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो खेती के लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इससे बनाई गई खाद का यूज किसान खेती के लिए कर सकते हैं. साथ ही इससे चारकोल, बायोगैस, बायोडीजल, पाउडर औद्योगिक ईधन और बिजली आदि भी बनाया जा सकता है.

इन एरिया को मिलेगी राहत

शहर में कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां सीवर भराव की समस्या बनी रहती है. प्लांट बन जाने से इन लोगों को काफी राहत मिलेगी. इन्दिरा नगर, चक महमूद, बांस मंडी, परतापुर जीवन सहाय और कांकर टोला में रहने वाले लोगों को सीवर भराव से निजात मिलेगी.

संक्रामक रोगों से होगा बचाव

शहर में कई मोहल्लों में अक्सर सीवर चोक की समस्या बनी रहती हैं. इससे वहां के लोगों को संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी रहती है. साथ ही उन्हें त्वचा संबंधी व पेट संबंधी रोग फैलने भी हो जाते हैं. प्लांट के बनने से लोगों को बीमारियों से भी राहत मिलेगी.

वर्जन

अलवर बैठक में प्रतिभागिता की थी जिसमें शहर में मैले की समस्या पर विचार किया गया. उड़ीसा की सेप्टेज फिकल्स मैनेजमेंट प्लांट प्रणाली ने प्रभावित किया, जिसके बाद इसको हर नगर निगम में लगाने के निर्देश मिले हैं. कार्य योजना तैयार कर ली गई है. चुनाव बाद प्लांट लगाने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा.

-संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता.