- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आयोजन की मॉनिटरिंग और वीडियोग्राफी की जिम्मेदारी

NAINITAL: औली में शाही विवाह समारोह सरकारी तंत्र की निगरानी में होगा. नैनीताल हाईकोर्ट ने यहां पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन रोकने के लिए चमोली के डीएम को जवाबदेह बनाया है, जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आयोजन की मॉनिटरिंग और वीडियोग्राफी की जिम्मेदारी दी गई है. समारोह खत्म होने के बाद डीएम सात जुलाई को शपथ पत्र के साथ अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेंगे.

तीन करोड़ रुपए करने होंगे जमा

हाईकोर्ट ने इस क्षेत्र में हवाई उड़ानों को प्रतिबंधित करने के साथ ही संभावित पर्यावरणीय नुकसान की एवज में गुप्ता बंधुओं को तीन करोड़ रुपये सिक्योरिटी के रूप में 21 जून तक दो किश्तों में जमा करने का आदेश दिया है. पर्यावरण को नुकसान होने की स्थिति में यह राशि जब्त कर ली जाएगी. आठ जुलाई को कोर्ट इस पूरे मामले में फिर से सुनवाई करेगा. काशीपुर निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी ने इस आयोजन से औली में पर्यावरणीय नुकसान की आशंका जाहिर करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दूसरे दिन भी इस पर सुनवाई की. एक रोज पहले कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में कई सवालों के जवाब मांगे थे. ट्यूजडे को राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि शादी की मॉनिटरिंग के लिए टीम औली भेजी जा चुकी है. जो पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वीडियोग्राफी करेगी. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि जिस स्थान पर शादी हो रही है, वहां से बुग्याल चार किमी दूर है. इवेंट कंपनी ने अदालत को टैंट, कुकिंग गैस, लैंडस्केप सुधार, रूम हीटर, जनरेटर, स्टाफ आदि की जानकारी दी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने शादी पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई, लेकिन इस पर सरकारी निगरानी बैठा दी है. कोर्ट ने चमोली के डीएम को आदेश दिए हैं कि वह मॉनिटरिंग करें कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है या नहीं. साथ ही यह भी कहा है कि इसकी पूरी रिपोर्ट 7 जुलाई को कोर्ट में पेश करें.