पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव का जन्म शनिवार को अमावस्या तिथि में हुआ था, इसलिए शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व है। जिन राशियों पर शनि का प्रभाव पड़ रहा है और वे शनि के कष्ट से बचना चाहते हैं तो उनको हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा बता रहे हैं कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढेसाती और ढैया के दौरान आप कैसे कष्टों से दूर रह सकते हैं।
1. शनिवार के दिन कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। संकट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।
2. शनिवार के दिन काले रंग के पशुओं को रोटी खिलाएं।
3. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, दीपक जलाकर उसमें काली उड़द के तीन दाने डालें। इस से सभी कार्य पूर्ण होंगे।
4. शनिवार के दिन सिन्दूर और चमेली के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी को लाल लंगोट अर्पित करें।
5. शनिवार के दिन हनुमान जी के मन्दिर में एक नारियल स्वास्तिक बना कर हनुमान जी को अर्पित करें, साथ ही हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें।
6. शनिवार या मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिन्दूर और तेल का चोला चढ़ाएं।
7. शनिवार के दिन हनुमान जी के सम्मुख रात्रि में चैमुखा दीपक जलाएं।
8. शनिवार को प्रात:काल किसी पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और 7 बार परिक्रमा करें। इस के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
9. शनिवार एवं मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लेकर साफ जल से धोकर इन पत्तों पर चंदन से श्रीराम का नाम लिखें। इस के बाद हनुमान जी के मन्दिर में हनुमान जी को अर्पित करें।
10. प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को बनारसी पान चढ़ाएं। ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा बनी रहती है।
11. प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को हनुमान मन्दिर में 11 उड़द के दाने, सिन्दूर, चमेली का तेल, फूल, प्रसाद आदि अर्पित करें। साथ ही सुंदरकाण्ड का पाठ करें।
12. शनि अमावस्या वाले दिन भोजन में काली मिर्च व काले नमक का प्रयोग अवश्य करें।
13. शनि अमावस्या वाले दिन शमी वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में बांधकर अपनी दायीं भुजा में बांधे।
14. शनि अमावस्या वाले दिन मांसाहार, मदिरापान त्यागने का प्रण करें।
15. शुक्रवार को 800 ग्राम काले तिल पानी में भिंगो दें, शनि अमावस्या वाले दिन गुड़ में कूटकर लड्डू बनाएं और काले घोड़े को खिला दें। यह उपाय लगातार आठ शनिवार को करने से शनि पीड़ा से निजात मिलती है।
16. शनि अमावस्या के दिन शमी वृक्ष का रोपण करें।
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