- आयुक्त (ग्राम्य विकास) बोले, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार दे रही खास ध्यान

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VARANASI

आयुक्त (ग्राम्य विकास) व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के डायरेक्टर एनपी सिंह ने बताया कि गांवों में महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बनाकर उनको सशक्त बनाया जा रहा है। समूहों से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार खास ध्यान दे रही है। उन्हें विभिन्न जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज में ट्रेनिंग दी जा रही है। बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है। उनके बनाए प्रोडक्ट की मार्केटिंग की जा रही है। इसका मकसद है कि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। नारी सशक्तीकरण की दिशा में यह प्रभावी कदम है।

मिशन बदल रहा तकदीर

आयुक्त (ग्राम्य विकास) एनपी सिंह शनिवार की शाम सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं की तकदीर बदली है। मिशन के तहत संस्था निर्माण (एसएचजी), सामाजिक समावेशन, क्षमता संवर्धन (कैपिसिटी बिल्डिंग), वित्तीय समावेशन और आजीविका मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ समूहों को देने से सामाजिक पूंजी बढ़ती है और भ्रष्टाचार कम होता है। हमारा नारा 'समुदाय का, समुदाय के द्वारा, समुदाय के लिए' है। उनके साथ विशेष सचिव टीके शीबू, सीडीओ गौरांग राठी अादि थे।

सफल महिलाएं कर रहीं प्रेरित

आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में एसएचजी से जुड़ी छह हजार सफल महिलाओं को चयनित किया गया है, जो अन्य डिस्ट्रिक्ट में जाकर समूहों को ट्रेनिंग व मोटीवेशनल स्पीच दे रही हैं। इससे समूहों की ताकत बढ़ रही है। बनारस के विभिन्न ब्लॉकों के छह गांवों में यह प्रयास शुरू किया गया है।

जानी समूहों की हकीकत

आयुक्त ने शनिवार को भरावर, बिरांव और निहालापुर गांवों में बने महिला स्वयं सहायता समूहों की हकीकत जानी। उन्होंने महिलाओं से ट्रेनिंग, बनाए प्रोडक्ट, बचत, वित्तीय सहायता आदि की जानकारी ली। आयुक्त ने महिलाओं से कहा कि गांवों में बने समूह एक तरह से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन है।