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LUCKNOW : शहर के चर्चित श्रवण साहू की हत्या से पहले उन्हें फर्जी मामले में फंसाने के आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ 15-15 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। मामले में सआदतगंज थाने में दारोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ 2017 में केस दर्ज हुआ था तभी से तीनों फरार चल रहे हैं। फरार आरोपियों ने मरहूम श्रवण साहू के विपक्षी अकील से मिलकर उन्हें फर्जी तरीके से फंसा कर जेल भेजवा दिया था। इनके साथ ही चार अन्य को फर्जी मामले में जेल भिजवा दिया था। श्रवण साहू की हत्या के बाद जब खुलासा हुआ तो आरोपी पुलिस वालों को बर्खास्त कर दिया गया था।

फर्जी मामले में जेल भिजवाया था

10 जनवरी वर्ष 2017 को ठाकुरगंज निवासी बदमाश अकील ने चार बेगुनाहों फर्जी ढंग से गिरफ्तार कराया और पारा थाने से 10 जनवरी को जेल भेजवा दिया। चारों पर आरोप लगाया था कि वह लोग सआदतगंज के दालमंडी निवासी दवा दुकानदार श्रवण साहू ने इन युवकों को अकील की हत्या के लिए सुपारी दी थी। इसके बाद अकील ने एसएसपी से मुलाकात कर श्रवण साहू के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एक झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी। अकील के इस खेल का राज खुल गया। पुलिस को पता चला कि अकील ने श्रवण साहू को झूठे मामले में फंसाने के लिए पारा पुलिस व क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर खेल किया था।

पुलिसकर्मी बर्खास्त किए गए थे

मामले में अकील के साथ पारा पुलिस के सिपाहियों और क्राइम ब्रांच के 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ ठाकुरगंज में दो, सआदतगंज में एक और हसनगंज थाने में एक आपराधिक मामले दर्ज कराये गए थे। इस मामले में दो सिपाहियों धीरेन्द्र यादव, अनिल सिंह और एक दारोगा धीरेन्द्र कुमार शुक्ला को बर्खास्त तक कर दिया गया था। इसके बाद इन तीनों का कोई सुराग

नहीं लग सका था।

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