RANCHI: हातमा बस्ती के हालात गंभीर हो चुके हैं। रविवार को एक तरफ जहां घरों से लाशें उठाई जा रही थीं वहीं दूसरी तरफ बस्ती के कई लोग नशे में झूम रहे थे। पुरुषों से लेकर महिलाओं तक के पांव लड़खड़ा रहे थे। बस्ती की तंग अंधेरी गलियों में पुलिस अधिकारियों की पूरी टीम घूम रही थी और हर गली में हडि़या, दारु, चुलैया, महुआ की सड़ांध फैली थी। इन गलियों में हादसों के पहले तक स्थानीय पुलिस का कोई जवान कभी शिरकत तक नहीं किया था अन्यथा नशे के इस गहरे कारोबार का पहले ही भंडाफोड़ हो जाता। मौके से ही एसएसपी अनीश गुप्ता ने तुरंत बस्ती में छापेमारी करने और अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश जारी किया, जिसके बाद पुलिस टीम ने हर संदेहास्पद घर की तलाशी ली। अवैध शराब का पूरा स्टॉक कई घरों से बरामद हुआ जो उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

दर्जन भर लोगों को भेजा अस्पताल

बस्ती में छानबीन के क्रम में कई लोग नशे में धुत्त पाए गए। कई पुरुष तो अपने पैर पर ठीक से खड़े तक नहीं हो पा रहे थे और बात करने की स्थिति में भी नहीं थे। पूछताछ में कई महिलाएं भी नशे में धुत्त पाई गई। अधिकारियों ने तुरंत सभी को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया।

पूरी नस्ल नशे की कैद में

हातमा बस्ती की पूरी नस्ल नशे की कैद में है। युवकों से लेकर महिलाएं और पुरुष सभी नशे के शिकार बनते जा रहे हैं। शाम ढलते ही आसपास के स्टूडेंट्स भी हातमा बस्ती पहुंचने लगे हैं। झारखंड चौक पर देर शाम से नशेडि़यों का जमावड़ा लगने लगता है।

पहाड़ पर पीते हैं दारु, नीचे बिकता है चखना

झारखंड चौक पर पहाड़ है, जहां हर शाम शराबियों और नशेडि़यों का जमावड़ा लगता है। पहाड़ के उपर दारु, हडि़या, चुलैया समेत अन्य नशे का सेवन करते हैं और नीचे लगी चखना की दुकानों से मांस, मछली, कीमा जैसे खाने के सामान मंगवाते रहते हैं। शोर-शराबे के बीच देर रात तक यहां नशे का सेवन किया जाता है।

बस्ती के कई लोग भी परेशान, मांग रहे निजात

बस्ती के कई लोग ऐसे भी हैं जो शराब या नशे का सेवन नहीं करते हैं। ये लोग परेशान हैं कि कैसे इस समस्या से निजात मिले। घरों में लड़कियां हैं, पढ़ने-लिखने वाले बच्चे हैं जिन्हें काफी परेशानी हो रही है। इन लोगों को भी इस समस्या से निजात चाहिए लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा।

क्या कहते हैं बस्ती के लोग

बस्ती में शराब और नशे का कारोबार पूरी तरह बंद होना चाहिए। लोगों को खिला-पिला कर उनका घर बर्बाद किया जा रहा है। यहां पढ़ने-लिखने वाले बच्चे हैं। लड़कियां हैं जिन्हें काफी परेशानी हो रही है। पुलिस को अलर्ट और सशक्त अभियान चलाना चाहिए।

बसंत टोप्पो

बस्ती के कुछ गलत लोगों के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया। लोगों को शराब और नशा से मुक्ति के लिए लगातार प्रयास किया जाता रहा है लेकिन कुछ लोगों को इसकी बहुत बुरी लत लग गई है। अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगनी चाहिए।

विश्वास उरांव

वर्जन

अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि पूरे शहर में अवैध शराब और नशे के दूसरे सामानों के खिलाफ अभियान चलाते रहें। पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है और नशे के कारोबारियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जाते रहे हैं। यह एक सामाजिक समस्या है जिससे निजात के लिए लोगों को भी सामने आना होगा।

अमोल वेणुकांत होमकर, डीआईजी, रांची