3 से 5 लाख रुपये में बना रहे थे फर्जी मार्कशीट व डिग्री

एनएसयूआई नेता समेत पांच लोग पुलिस ने दबोचे

Meerut। फर्जी मार्कशीट व डिग्री बनाकर बेचने वाले कांग्रेसी नेता समेत अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि इसका सरगना रूप सिंह वर्मा फरार हो गया। आरोपियों के पास से पुलिस ने 6 राज्यों की 40 यूनिवर्सिटी की की फर्जी मार्कशीट व डिग्री, यूपी, सीबीएसई व यूपी बोर्ड हाईस्कूल के गजट का रजिस्टर, मेरठ के एक निजी यूनिवर्सिटी की पॉलिटिकल साइंस की बिना चेक हुई कापियां भी बरामद हुई। पुलिस के मुताबिक आरोपियों से यूपी, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश के राज्यों के कई यूनिवर्सिटी व कॉलेजों की हाईस्कूल व डिग्री कॉलेजों की अंक तालिका व डिग्री भ्ाी मिली।

एनएसयूआई का नेता दबोचा

पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि शिकायत आई थी कि इंदिरा नगर ब्रह्मापुरी में अजय पुत्र हरिराम हाईस्कूल, इंटर, डिग्री कालेजों की 3 से 5 लाख रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट व डिग्री बेच रहा है। इस मामले में कंकरखेड़ा पुलिस ने दिल्ली से मेरठ आ रहे पांच लोगों को दबोच लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने छह राज्यों की कई विवि व विद्यालयों की डिग्री, मार्कशीट, प्रिंटर, स्कैनर, लैपटाप, माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ ऑफिस का 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 का हाईस्कूल व इंटर का सरकारी गजट व रजिस्टर बरामद किया। यही नहीं पुलिस को यूपी बोर्ड हाईस्कूल, इंटर, बीए व कई इंजीनियरिंग कालेजों की डिग्री व मार्कशीट भी मिली। एसएसपी ने बताया कि फर्जी मार्कशीट बनाने में नरायणदास गार्डन रोहटा रोड निवासी एनएसयूआई के सचिव रहा डॉ। उमाशंकर पुत्र धर्मपाल सिंह कई दिनों से लिप्त था, यही नहीं, उसने पीएचडी भी की है। उसके पिता धर्मपाल आर्मी में सूबेदार पद से रिटायर हुए है।

5 हजार से 3 लाख रुपये

आरोपियों ने बताया कि वे एक मार्कशीट व डिग्री के 5 हजार से 5 लाख रुपये वसूलते थे। एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि इन फर्जी डिग्री व अंक तालिका से कई लोग सरकारी नौकरी भी कर रहे है। आरोपियों ने बताया कि वह 25 से 50 हजार रुपये में इंजीनियरिंग की फर्जी डिग्री की अंक तालिका प्रथम श्रेणी में तैयार कर देते थे।

फर्जी से ओरिजनल मार्कशीट

एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि पकड़े गए युवक एक फर्जी मार्कशीट को आसानी से ओरिजनल बनाकर बेचते थे। इसके लिए उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड आफिस मेरठ से हाईस्कूल व इंटर का चार सालों का गजट रजिस्टर प्राप्त किया। जब कोई उनके पास फर्जी हाईस्कूल व इंटर की मार्कशीट बनवाने आता था तो वह पहले नाम व पिता का नाम नोट कर लेते थे। गजट में उसकी नाम से ओरिजनल नाम के व्यक्ति को तलाशा जाता था। उस ओरिजनल नाम के व्यक्ति का रोल नंबर, अंक नंबर, सन् आदि मार्कशीट में प्रिंट कर देते थे। जब उसकी मार्कशीट की चेकिंग होती थी तो उसका रिकार्ड वहां पर मिल जाता था।

बीटेक व बीफार्मा की डिमांड

पुलिस ने बताया कि सबसे ज्यादा बीटेक और बीफार्मा की डिग्री बरामद हुई है। इनकी सबसे ज्यादा डिमांड थी। वहीं यह गैंग यूनिवर्सिटी में छात्रों की परीक्षा कॉपी तक बदलवा देते थे।

रूप सिंह है सरगना

एसएसपी राजेश कुमार पांडे का कहना है कि इस गिरोह का सरगना रूपसिंह वर्मा पुत्र श्यामलाल निवासी एल-640 कविनगर थाना कविनगर जिला गाजियाबाद है। जिसकी तलाश हेतु पुलिस टीम भेजी गयी है

ये हुए गिरफ्तार

1. उमाशंकर पुत्र धर्मपाल सिंह निवासी नरायणदास गार्डन रोहटा रोड

2. सलमान पुत्र सईद निवासी डिब्बेवाली गली खडौली

3. अजय पुत्र हरिराम निवासी इन्द्रानगर फेस-1 थाना ब्रह्मापुरी

4. अनिल कुमार पुत्र नानकचन्द निवासी मकान नंबर 345 सेक्टर-23 कविनगर थाना कविनगर, गाजियाबाद

5. राजेश पुत्र राकेश निवासी मकान नंबर 345 सेक्टर-23 कविनगर थाना कविनगर, गाजियाबाद

फरार अभियुक्त का नाम

1. रूपसिंह वर्मा पुत्र श्यामलाल निवासी एल-640 कविनगर थाना कविनगर, गाजियाबाद।

ये हुआ बरामद

14 मार्कशीट आईएफटीएम यूनिवर्सिटी (बेचलर ऑफ फार्मेसी) मुरादाबाद।

11 मार्कशीट /डिग्री शोभित यूनिवर्सटी मेरठ

5 मार्कशीट माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल मध्य प्रदेश

10 सर्टिफिकेट सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन

3 मार्कशीट /प्रमाण पत्र झारखंड स्टेट ऑफ स्कूल