गावड़ी पर कूड़ा निस्तारण को शासन की मंजूरी का इंतजार

200 मीट्रिक टन के कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने पर चल रहा विचार

800 मीट्रिक टन से अधिक रोजाना कूड़ा निकलता है शहर से

Meerut। अब नई योजना के मुताबिक नगर निगम कूड़े का निस्तारण डलावघर पर ही करेगा। गुजरात मॉडल के आधार पर कूड़े के निस्तारण की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा नगर निगम 200 मीट्रिक टन के कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने पर भी विचार कर रहा है। नगर निगम ने इसके लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम को गावड़ी स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए शासन की मंजूरी का इंतजार है। शासन को प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजे हुए चार माह से अधिक का समय बीत गया है।

गुजरात मॉडल होगा लागू

नगर निगम अब तक इंदौर मॉडल पर काम करने की बात कह रहा था, लेकिन एक सप्ताह पहले गुजरात से लीडरशिप प्रोग्राम करके लौटे नगर आयुक्त व अन्य अधिकारी गुजरात मॉडल पर नीतियां तैयार कर रहे हैं।

नहीं मिली मंजूरी

एक तरफ नगर निगम डलावघर पर कूड़ा निस्तारण करने की बात कह रहा है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के सोलापुर कंपनी द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिए बने प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए शासन को भेजे हुए चार माह से अधिक का समय हो गया है। बावजूद इसके अभी तक नगर निगम को कूड़ा निस्तारण प्रोजेक्ट की मंजूरी नहीं मिली है। इसीलिए नगर निगम ने गुजरात मॉडल अपनाने का निर्णय लिया है।

प्लांट लगाने की तैयारी

नगर निगम फिलहाल गुजरात मॉडल के आधार पर 200 मीट्रिक टन के कूड़ा निस्तारण प्लांट भी लगाने की योजना बना रहा है। प्लांट में जहां कंपोस्ट खाद बनेगी वहीं प्लास्टिक, लोहा आदि अंशों को अलग करके बाजार में बेचा जा सकेगा। नगर निगम प्रथम चरण में 200 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण का प्लांट लगाने की तैयारी में है। ताकि कूड़े के निस्तारण सुचारु रूप से हो सके।

800 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकलता है रोजाना

महानगर से प्रतिदिन करीब 800 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकलता है। फिलहाल इस कूड़े का निस्तारण नहीं हो रहा है। सड़कों के किनारे और खाली प्लाटों में कूड़ा डाला जा रहा है। कूड़े को लेकर नगर निगम ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन को भी एनजीटी में फटकार झेलनी पड़ रही है। लेकिन कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है

गावड़ी में है प्रस्तावित

किला रोड स्थित गावड़ी में नगर निगम की भूमि पर कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। एक साल पहले नगर निगम और जिला प्रशासन ने इस प्लांट के लिए भूमि पूजन भी किया था। यह बात अलग है कि अभी तक प्लांट शुरू नहीं हो पाया है।

गुजरात के कूड़ा निस्तारण प्लांट में कंपोस्ट खाद बनायी जा रही है। प्लास्टिक, लोहा, लकड़ी आदि सामान को कूड़े के ढेर से निकालकर बाजार में बेचा जा सकता है। मेरठ में काम करने को तैयार कंपनी से बात की जाएगी। कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाना हमारी प्राथमिकता में है।

मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त