-नगर आयुक्त ने डीएम को पत्र लिखकर शासन को अवगत कराने के लिए लिखा

-दो वर्ष कोई काम न होने के चलते नगर निगम ने जमीन वापस लेने का प्रस्ताव किया था पास

बरेली-यूनानी मेडिकल कॉलेज की जमीन वापस लेने को लेकर लगातार विरोध चल रहा है लेकिन नगर निगम हर हाल में जमीन वापस लेना चाहता है। नगर निगम यहां स्मार्ट सिटी के तहत प्रोजेक्ट लगाना चाहता है। इसी के चलते नगर आयुक्त ने डीएम को पत्र लिखा है। पत्र में 2 वर्ष तक यूनानी मेडिकल कॉलेज न बन पाने का भी जिक्र किया गया है। नगर आयुक्त ने लिखा है कि पूरी स्थिति से शासन को अवगत करा दिया जाए, ताकि स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं को शुरू किया जा सके।

दो वर्ष पहले दी थी जमीन

नगर निगम ने हजियापुर में ग्राम ब्रहमपुरा की खसरा संख्या 210, 211 और 212 की 27000 वर्ग मीटर जमीन को यूनानी सर्विस डिपार्टमेंट को फ्री उपलब्ध करायी थी। इस जमीन के लिए डायेरक्टर यूनानी सर्विस ऑफिस से 8 अप्रैल 2016 को नगर निगम बरेली को पत्र लिखा गया था। इस जमीन पर यूनानी मेडिकल कॉलेज बनाया जाना था। नगर निगम ने जुलाई 2016 में इसे बोर्ड बैठक में रखा था और दिसंबर 2016 में इसकी स्वीकृति दे दी थी।

दो साल में कूड़ा तक नहीं हटा

जमीन की स्वीकृति होने के बाद नगर निगम की ओर से यूनानी सर्विस डायरेक्टर को पत्र लिखकर कूड़ा हटाने के लिए लिखा था। तत्कालीन डीएम की ओर से भी इस संबंध में पत्र लिखा गया था। यह कूड़ा यूनानी सर्विस डिपार्टमेंट को ही हटवाना था, लेकिन दो वर्ष में न तो कूड़ा हटवाया गया और न ही मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू कराया गया। यही नहीं लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण भी करना शुरू कर दिया।

शहर के दूसरे हिस्से में नहीं जमीन

नगर निगम का कहना है कि बरेली को स्मार्ट सिटी योजना के तहत चुना गया है। स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम, सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट व अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित हैं। इसके लिए नगर निगम एरिया में जमीन चाहिए, जो शहर के दूसरे हिस्से में उपलब्ध नहीं है। इसलिए यूनानी मेडिकल कॉलेज के लिए दी गई जमीन उपयुक्त होगी। इसलिए ही नगर निगम ने पूर्व प्रस्ताव को निरस्त कर जमीन को स्मार्ट सिटी में लेने का प्रस्ताव पास किया है।