- जबकि, दस हजार रुपए में बेहतरीन फीचर के तमाम फोन उपलब्ध

- 15 अप्रैल से सीयूजी सिम के साथ स्मार्टफोन बांटने की तैयारी

BAREILLY : बरेली को स्मार्ट बनाने से पहले नगर निगम अपने पार्षदों को स्मार्ट बनाने की तैयारी कर लिया है। इस क्रम में एक-एक पार्षद को 20-20 हजार रुपए के स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। सवाल फोन देने पर नहीं इसकी कीमत को लेकर है, जो कमीशनखोरी या फिजूलखर्ची की ओर इशारा कर रही है। क्योंकि मार्केट में 10,000 रुपए में तमाम स्मार्ट फोन बेहतरीन फीचर के साथ उपलब्ध हैं। ऐसे में, 20 हजार रुपए का फोन खरीदने का क्या प्रयोजन है।


16 लाख रुपए से खरीदेंगे फोन

एक-एक पार्षदों को 20-20 हजार रुपए के फोन दिए जाएंगे। इस हिसाब से 80 वार्ड के पार्षदों पर 20 हजार रुपए के हिसाब से 16 लाख रुपए का खर्चा आएगा। एक तरह से देखा जाए तो यह रुपए पब्लिक के ही हैं, जो कि हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि माध्यमों से कलेक्ट होते है, जिसका इस्तेमाल बेसिकली नगर निगम परिक्षेत्र में आने वाले वार्ड के विकास में होना चाहिए।


फंड के अभाव में नहीं होते हैं काम

जबकि, नगर निगम नाली सफाई, टूटी हुई नालियों, सड़क, बंद पड़े हैंडपंप आदि काम को फंड का अभाव बता कर पब्लिक को टरका देता है। लिहाजा, यूटिलिटी की जरूरतों के अभाव में परेशान होना पड़ता है। यही कारण है कि बरेली स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में लगातार पिछड़ता जा रहा है। ऐसे में साफ-सफाई या फिर डेवलपमेंट के चीजों में रुपए खर्च करने की बजाय पार्षदों को स्मार्टफोन में 16 लाख रुपए खर्च करने की तैयारी है।

पार्षदों का क्या है तर्क

पार्षदों का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। इसके जरिए सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हैं। वार्ड के स्थानीय निवासी व्हाट्सएप, फेसबुक के जरिए अपनी कोई समस्या होने और शिकायत रख सकते हैं। आपने आसपास के जर्जर हालत को फोटो भेज कर अवगत करा सकते हैं। जिससे समय रहते दूर करने में आसानी होगी। जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के लोगों से एक साथ जुड़ सकते हैं। जो कि स्मार्टफोन के बिना सम्भव नहीं हैं।

10 हजार के फोन में सारे फीचर तो फिर

चलो पार्षदों की बातों को सही मान भी लेते हैं, तो आज कल ब्रांडेड कम्पनियों के हैंडसेट 10 से 12 हजार रुपए में नए-नए फीचर के साथ आसानी से मिल रहे हैं। फिर, पार्षदों को 20 हजार रुपए के हैंडसेट देने की क्या आन पड़ी। जबकि, एक पार्षद को अपने वार्ड की पब्लिक की समस्याएं सुनने के अलावा कोई काम नहीं है। ज्यादा से ज्यादा जिसकी जो समस्या है जैसे- नाला, नाली, सड़क आदि उसकी स्थिति जानने के लिए एक फोटो मंगाने के अलावा कोई काम नहीं है। फिर, इतने रुपए का स्मार्टफोन दिए जाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आया।