- उ.प्र। राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में होगा ऑन लाइन एंट्रेस एग्जाम और मिलेगी एसएमएस अलर्ट सुविधा

- 62 व्यवसायपरक कोर्सेज के साथ-साथ नए सेशन में नए कोर्सेज की होगी में शुरुआत

GORAKHPUR: उ.प्र। राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय नये सेशन में रोजगारपरक कोर्सेज लाने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन एंट्रेस कराने के साथ-साथ एसएमएस अलर्ट सुविधा शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालय में जल्द ही दूरस्थ शिक्षा सामुदायिक कॉलेज की स्थापना भी की जाएगी। यह बातें उ.प्र। राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के वीसी प्रो। एमपी दुबे ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने बताया कि कौशल विकास पर आधारित म्ख् व्यवसायपरक कार्यक्रमों को सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में संचालित किया जाएगा।

ई.आर.पी। से जुड़ेंगे विभाग

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली को टेक्नोलॉजी पर आधारित बनाने के लिए इंटरनल यूनिवर्सिटी ऑटोमेशन (ई.आर.पी) की उत्पत्ति की जा रही है। वर्चुअल यूनिवर्सिटी बनाने के संकल्प को पूरा करने के दिशा में यह पहला कदम है। ई.आर.पी से विभिन्न विभागों प्रवेश, परीक्षा, वित्त, प्रशासन, स्व अध्ययन सामग्री, अधिन्यास, प्लेसमेंट और कर्मचारी प्रबंधन आदि को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के पांचों क्षेत्रीय केंद्रों गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, बरेली और इलाहाबाद को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा।

मोबाइल पर मिलेगी जानकारी

उन्होंने बताया कि आगामी ख्0क्भ्-क्म् में प्रवेशार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑन लाइन आवेदन करने के साथ ही ई-चालान के माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा कर सकेंगे। एसएमएस अलर्ट सुविधा के तहत अप्लाइ करते समय छात्रों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर प्रवेश तिथि, नामांकन संख्या, परीक्षा तिथि, परीक्षाफल घोषित होने की सूचना, दीक्षांत समारोह आदि की सूचना प्रोवाइड की जाएगी। इसके अलावा स्मार्ट क्लास, पाठ्य सामग्री को डाक विभाग से भेजने की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज की डेट में पूरे प्रदेश में कुल भ्7ब् स्टडी सेंटर्स का संचालित कर रहा है।

इन कोर्सेज की होगी शुरुआत

-गांधीवादी विचार और शांति अध्ययन में पीजी

-पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन में पीजी

-ग्रीन सोशल वर्क में पीजी डिप्लोमा

-उपभोक्ता संरक्षण में डिप्लोमा

-वेब टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा

-फोरेंसिक साइंस में पीजी डिप्लोमा

-उर्दू पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिप्लोमा