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LUCKNOW : प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंगों की सेंध थमने का नाम नहीं ले रही है। हर परीक्षा में होते खुलासे इन गैंगों के बेखौफ होने की कहानी खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा नहीं कि शासन ने इससे निपटने के लिये कोई कवायद नहीं की। चीफ सेक्रेटरी ने बीते साल इस समस्या से निपटने के लिये यूपी एसटीएफ से रिपोर्ट तलब की। एसटीएफ ने तमाम खामियों का अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें भेज दीं। पर, वह अब तक लागू न हो सकीं। नतीजतन, जालसाज तमाम परीक्षाओं में सेंध लगाकर सुरक्षा एजेंसियों की नाक में दम किये हुए हैं।

इन बदलावों को लेकर की थी सिफारिशें

भर्ती परीक्षाओं में धांधली पर नकेल कसने के लिये यूपी एसटीएफ ने पिछले साल इस पूरी प्रक्रिया में बरती जाने वाली खामियों का बारीकी से अध्ययन किया था। एसटीएफ ने अरेस्ट किये गए सॉल्वर्स गैंगों के कारिंदों से भी कड़ी पूछताछ की। जिसके बाद दो विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चीफ सेक्रेटरी को भेजी गई। इस रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में अहम बदलावों की सिफारिश की गई थी। यह हैं वह सिफारिशें जिनके लागू हो जाने पर सॉल्वर गैंग की कमर टूट जाती।

नोडल एजेंसी

सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कई बार परीक्षाओं में नोडल एजेंसी की ओर से बरती जाने वाली लापरवाही का लाभ उठाकर सॉल्वर गैंग इनमें सेंध लगाने में सफल हुआ है। ऐसे में सिफारिश की गई कि सरकारी भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कराने की जिम्मेदारी किसी सरकारी विभाग या एजेंसी को दी जाए।

परीक्षा कमेटी

रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया कि जिन विभागों की भर्ती परीक्षा आयोजित होती है, उनका सुरक्षा एजेंसियों से कोई समन्वय नहीं होता। ऐसे में सॉल्वर गैंग व पेपर लीक गैंग अपनी करतूत में सफल रहते हैं। रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि परीक्षा से पहले संबंधित विभाग के अधिकारियों व पुलिस के अधिकारियों की दो कमेटी बने। जो फुलप्रूफ परीक्षाओं को लेकर तमाम सतर्कता व सावधानियां बरतें।

सेंटर चयन से पहले स्क्रीनिंग

बीते दिनों हुए खुलासे में सामने आया था कि कई सेंटर्स के मैनेजर्स व कक्ष निरीक्षक सॉल्वर्स गैंग से मिलीभगत किये हुए थे। इसी को देखते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि भर्ती परीक्षा आयोजित करने से पहले यूपी एसटीएफ व पुलिस को संभावित परीक्षा सेंटर्स की लिस्ट मुहैया कराई जाए। सुरक्षा एजेंसियां अपनी राय दें कि किन-किन सेंटर्स पर परीक्षा कराना उचित होगा। इसी के बाद सेंटर्स की लिस्ट फाइनल की जाए।

कक्ष निरीक्षकों का वेरीफिकेशन

भर्ती परीक्षाओं में तमाम निजी स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाया जाता है। इन स्कूलों में प्राइवेट कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। बीते दिनों ऐसे कई कक्ष निरीक्षकों की सॉल्वर्स व पेपर लीक गैंग से मिलीभगत सामने आई। इसी को देखते हुए एसटीएफ ने सिफारिश की थी कि परीक्षा से पहले कक्ष निरीक्षकों का भी वेरीफिकेशन कंपलसरी किया जाए।

46 खुलासे, 282 अरेस्टिंग

भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर्स व पेपर लीक गैंग का साया किस कदर मंडराता है, इसकी बानगी यूपी एसटीएफ की बीते दो साल की कार्रवाई के आंकड़ों पर नजर डालने से आसानी से हो सकती है। यूपी एसटीएफ ने इस मियाद में 46 गैंगों का खुलासा किया और इन गैंगों से संबंधित 282 जालसाजों को अरेस्ट किया। उल्लेखनीय है कि अरेस्ट किये गए इन आरोपियों में गैंग के सरगना से लेकर कारिंदे, सॉल्वर्स, असली अभ्यर्थी, कक्ष निरीक्षक व स्कूलों के मैनेजर्स भी शामिल हैं।

यह हैं बड़े गुडवर्क

तिथि                          परीक्षा अरेस्टिंग           अरेस्टिंग

16 मई 2017             टीईटी-2017                    10

12 नवंबर 2017         हाईकोर्ट ग्रुप सी व डी           13

17 जून 2018            कॉन्सटेबल भर्ती                 11

19 जून 2018            शिक्षक भर्ती                     16

19 जून 2018            कॉन्सटेबल भर्ती                 23

29 जुलाई 2018         सहायक अध्यापक              51

1 सितंबर 2018          नलकूप चालक                 11

22 दिसंबर 2018       यूपीएसएसएससी                29

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