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LUCKNOW : प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल सॉल्वर गैंग ही नहीं, सरकारी कर्मचारी और टीचर भी किस तरह सेंध लगाते हैं, इसकी बानगी रविवार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में तब देखने को मिली जब राजधानी के नेशनल इंटर कॉलेज में एसटीएफ ने सामूहिक नकल के मामले का भंडाफोड़ करते हुए प्रिंसिपल समेत नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं प्रयागराज में भी एक अन्य गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को अरेस्ट किया गया है। राजधानी में पकड़े गये लोगों में सॉल्वर गैंग का सरगना अरुण कुमार सिंह भी शामिल है जो यूपी पुलिस का सिपाही है। वह अपने भाई की मदद से इस गैंग को संचालित कर रहा था जो मेरठ में भूगर्भ जल अधिकारी के पद पर तैनात है। हैरत की बात यह है कि इस गिरोह में नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल उमाशंकर सिंह, इंदिरानगर स्थित दयानंद इंटर कॉलेज के टीचर राम इकबाल शुक्ला और लखनऊ नगर निगम में महिला निरीक्षक शाहनूर भी शामिल हैं। साथ ही दो कक्ष निरीक्षकों को भी पकड़ा गया है जो अपने कैंडीडेट्स को नकल करा रहे थे।


केंद्र के बाहर मौजूद था सरगना

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देश पर सहायक भर्ती परीक्षा में सक्रिय नकल माफिया पर नजर रखी जा रही थी। एसटीएफ की कई टीमें इस बाबत सूचनाएं एकत्र कर रही थी। इस दौरान पता चला कि रविवार को आयोजित होने वाली सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2019 में राजधानी के नेशनल इंटर कालेज में कुछ लोग परीक्षा में धांधली कराकर कक्ष के अंदर ही उसकी आंसर की हासिल कर अपने-अपने कैंडीडेट्स को नकल कराकर भर्ती कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बदले में वह अभ्यर्थियों से मोटी रकम ले रहे हैं। सूचना पर एसटीएफ ने नेशनल इंटर कॉलेज के बाहर खड़ी इनोवा गाड़ी में बैठे गिरोह के सरगना अरुण कुमार सिंह को दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह राजधानी में सिपाही के पद पर तैनात है। उसका भाई अजय कुमार सिंह भूगर्भ जल विभाग, मेरठ में भूगर्भ जल अधिकारी के पद पर तैनात है। उसकी मदद से वह भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक कराकर पैसे कमाता है। उसका भाई पहले से इस गैंग का संचालित रहा है और पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं धांधली कराकर कई अभ्यर्थियों का चयन कराकर करोड़ों रुपये कमा चुका है।

प्रिंसिपल भी गिरोह में शामिल
अरुण कुमार सिंह ने बताया कि उसके गैंग में नेशनल इंटर कालेज के प्रिंसिपल उमाशंकर सिंह और इंदिरानगर स्थित दयानंद इंटर कॉलेज के टीचर राम इकबाल शुक्ला भी शामिल हैं। राम इकबाल जियामऊ में अपना एक विद्यालय भी चलाते हैं। वहीं शाहनूर लखनऊ नगर निगम में निरीक्षक है। वह परीक्षाओं में कक्ष में ड्यूटी करती हैं तथा कैंडीडेट्स को नकल कराती है। अशोक मिश्र व विजय मिश्र भी कक्ष निरीक्षक का कार्य कर रहे है और अपने-अपने कैंडिडेट्स को नकल करा रहे हैं। बिरकेश यादव व खुर्शीद कैंडीडेट के रूप में परीक्षा दे रहे है। एसटीएफ ने अरुण कुमार सिंह की निशादेही पर सभी आरोपितों को नेशनल इंटर कालेज परिसर में स्टेटिक मजिस्ट्रेट व लोकल इंस्पेक्टिंग ऑफिसर के समक्ष गिरफ्तार किया। इस बाबत हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

इनको किया गिरफ्तार
नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल उमाशंकर सिंह, लखनऊ पुलिस का सिपाही अरुण कुमार सिंह, लखनऊ नगर निगम की निरीक्षक शाहनूर, कक्ष निरीक्षक दयाशंकर जोशी, कक्ष निरीक्षक अशोक कुमार मिश्र, कक्ष निरीक्षक विजय कुमार मिश्र, व्यस्थापक राम इकबाल शुक्ला, अभ्यर्थी खुर्शीद आलम और बिरकेश यादव।

ये हुई बरामदगी

करीब दो लाख रुपये नगद, कई मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, यूपी पुलिस का पहचान पत्र, परिचय पत्र नगर पालिका वित्तीय संस्थान विकास बोर्ड का पहचान पत्र, उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का एग्जाम ड्यूटी का इनविजिलेटर का ब्लैंक कार्ड, यूपीडा का एक कार्ड, लेखपाल भर्ती परीक्षा का एग्जाम ड्यूटी कार्ड आदि।

प्रयागराज में भी चार सॉल्वर गिरफ्तार
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलाने वाले गिरोह के सरगना सहित चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें गिरोह का सरगना नागेंद्र सिंह, अभ्यर्थी सुरेश कुमार यादव, सॉल्वर राजेश कुमार यादव और मनोहर कुमार शाह शामिल हैं। उनके पास से करीब 66 हजार रुपये नगद दो फर्जी आधार कार्ड, दो फर्जी वोटर आईडी आदि बरामद किए गये हैं। दरअसल एसटीएफ को सूचना मिली थी कि गिरोह का सरगना नागेंद्र सिंह दो केंद्रों में किसी और की जगह सॉल्वर बैठा कर परीक्षा दिला रहे हैं। एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद से नागेंद्र सिंह को दबोच लिया जिसकी निशानदेही पर झूंसी के सरोज विद्याशंकर इंटर कालेज में राजेश कुमार यादव को पकड़ा गया जो सुरेश कुमार यादव के नाम पर परीक्षा दे रहा था। वहीं सुरेश यादव परीक्षा केंद्र के गेट पर खड़ा था, जिसे दबोच लिया गया। इसी तरह सहारा गल्र्स पब्लिक इंटर कालेज से मनोहर कुमार शाह को पकड़ा गया, जो संतोष सिंह के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। पूछताछ में नागेंद्र सिंह ने बताया कि वह कई दिनों से यह काम कर रहा है। बिहार और स्थानीय इलाकों से सॉल्वर बुलाकर हर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठाता हूं। रविवार को आयोजित परीक्षा में 50 हजार रुपये प्रति सॉल्वर के हिसाब से मनोहर कुमार शाह और राजेश यादव को किसी और की जगह बैठने के लिये बुलाया था। इसके बदले मुझे तीन लाख रुपये मिलना था।

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