फ्लैग : जिले के एकमात्र स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के जिमनास्टिक हॉल के हाल हैं खराब

- दो वर्ष से नहीं है कोच, सीनियर प्लेयर करा रहे प्रैक्टिस, कोर्ट पर कबूतरों ने पसार रखी है बीट

>BAREILLY:

फटी मैट। बर्बाद इक्युपमेंट। गंदगी और ऊपर से कोच भी नहीं। कुछ ऐसे दयनीय माहौल में जिले के एकमात्र स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में तैयार हो रहे हैं भविष्य के जिमनास्ट। यहां प्रैक्टिस करने वाले बच्चों का कहना है कि अगर आपको बगैर कोच के जिम्नास्टिक का प्लेयर बनना है तो स्पो‌र्ट्स स्टेडियम चले आइए। पिछले दो वर्षो से कोच की अनुपस्थिति में सीनियर प्लेयर ही जूनियर्स को प्रैक्टिस करा रहे हैं। आलम यह है कि प्लेयर्स कबूतर द्वारा फैलाई गई गंदगी और फटे गद्दों पर प्रैक्टिस कर अपने कॅरियर को संवारने में जुटे हैं।

दो वर्ष से बदहाली

करीब दो साल पहले जिमनास्टिक कोच के जाने के बाद यहां दुर्दशा का दौर शुरू हो गया। स्टेडियम के अधिकारियों ने भी यहां की व्यवस्थाओं पर ध्यान देना बंद कर दिया। यहां आने वाले सीनियर प्लेयर्स के भरोसे ही जूनियर प्लेयर्स प्रैक्टिस कर रहे हैं। जिम्नास्टिक हॉल में इस समय करीब 47 प्लेयर्स डेली प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। इनमें 15 लड़कियां भी हैं।

कबूतर की बीट से सने हैं इक्युपमेंट

प्लेयर्स का कहना है कि हॉल में जिमनास्टिक के इक्युपमेंट पर कबूतरों की बीट देखी जा सकती हैं। आरएसओ से शिकायत की तो उन्होंने रोशनदान बंद करवा दिए, लेकिन बाद में वह फिर ओपन हो गए। तब से कबूतरों ने हॉल को अपना अड्डा बना लिया है। इससे प्लेयर्स को हॉल में गंदगी के बीच प्रैक्टिस करनी पड़ती है। सफाई कर्मचारी के नहीं आने पर प्लेयर्स को यहां खुद झाड़ू भी लगानी पड़ती है।

फटे गद्दे और बर्बाद इक्युपमेंट

स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के जिमनाटिक कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले जिमनास्टों को केवल कोच की कमी ही नहीं खलती, बल्कि बर्बाद हो चके इक्युपमेंट के साथ समझौता करना पड़ता है। यहां फ्लोर है ही नहीं। मैट के गद्दे बाहर आ गए हैं। बार बैलेंसी बीम के ऊपर लगी रैक्जीन फटी पड़ी है। पैरेलल बार के पोल पर लगी लकड़ी की परत उतर चुकी है, जिससे पकड़ नहीं बन पाती है। अनइवन बार भी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।

कोच मिले तो सुधारेंगे व्यवस्था

जिम्मानिस्टक कोर्ट की बदहाली से परेशान जिमनास्टों ने अफसरों से कई बार शिकायत भी की, लेकिन जिम्मेदारों का कहना है कि कोच मिल जाए तो व्यवस्थाएं भी दुरुस्त करा दी जाएंगी।

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बोले प्लेयर्स

- दो वर्ष पहले कोच के चले जाने से सीनियर प्लेयर्स हमें प्रैक्टिस कराते हैं। स्टेडियम की तरफ से ऑपरेटर और गद्दे ठीक कराना तो दूर, उल्टा उठवा लिए गए।

विवेक, जिमनास्ट

जिम्नास्टिक कोर्ट में कबूतर रोजाना गंदगी करते हैं। गंदगी के बीच प्रैक्टिस करने में मुश्किल हो रही है। कई बार सफाई के लिए कहा भी गया, लेकिन अभी तक इसके लिए कुछ नहीं किया गया।

विपिन, जिमनास्ट

पहले प्रैक्टिस करने के लिए 52 मैट थी, लेकिन अब यहां से मैट उठवा लिए गए हैं। अब सिर्फ 18 मैट ही बचे हैं। बताया गया था कि गेम्स के लिए आए बच्चों के सोने के लिए भेजे जा रहे हैं। तब से वापस नहीं आए।

अमन, जिमनास्ट

प्रैक्टिस करने से पहले खुद सफाई करनी पड़ती है। सफाई न करो तो प्रैक्टिस करना मुश्किल है। प्रैक्टिस करने वाली मैट भी फटी हुई है।

योग्यता, जिमनास्ट

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स्टेडियम में अभी जिम्नास्टिक के लिए कोच नहीं है। कोच मिलने के बाद इक्युपमेंट और मैट ठीक करा दी जाएंगी। सभी कमियों को दूर करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

लक्ष्मी शंकर, आरएसओ, बरेली