- एमएमएमयूटी के प्रोफेसर श्रीराम चौरसियों को जांच कमेटी ने किया दोष मुक्त

- 90 फीसद छात्रों ने उनके बर्ताव को बताया सही

- कुछ छात्रों ने की थी कमिश्नर से शिकायत, जिसके बाद बनाई गई थी जांच कमेटी

GORAKHPUR: स्टूडेंट्स को प्रताडि़त करने के आरोप से घिरे मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिविल इंजीनियरिंग के टीचर डॉ श्रीराम को जांच समिति ने दोष मुक्त करार दिया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर हुई यूनिवर्सिटी लेवल पर जांच में बयान के आधार पर यह फैसला लिया गया। इसमें 90 फीसद छात्रों ने अपने शिक्षक के व्यवहार को सही बताया है और प्रताड़ना से त्रस्त होकर किसी भी स्टूडेंट ने आत्महत्या करने वाली बात को सभी ने एक सिरे से नकार दिया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महज 10 फीसद छात्रों ने डॉ। श्रीराम पर लगाए गए आरोपों को आंशिक रूप से सही ठहराया है, लेकिन एक अनुशासन प्रिय शिक्षक के लिए कुछ छात्रों की ओर से ऐसी प्रतिक्रिया आना सामान्य सी बात है। क्लीन चिट देने के साथ ही वीसी प्रो। एसएन सिंह ने निर्देशित किया है कि डॉ। श्रीराम को फ‌र्स्ट और सेकेंड इयर की क्लासेज ही दी जाएंगी।

कमिश्नर से हुई थी शिकायत

बता दें कि बीते वर्ष नवंबर में कमिश्नर को एक अनाम चिट्ठी मिली थी। लिखने वालों ने खुद को एमएमएमयूटी के बीटेक सिविल इंजीनियरिंग फोर्थ इयर का छात्र बताया था। शिकायती पत्र में उनका कहना था कि डॉ। श्रीराम सुबह नौ बजे से शाम साढ़े सात बजे तक विभाग में बैठाए रहते हैं। इस दौरान खाना खाने, पान पीने जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भी छुट्टी नहीं मिलती। इतना ही नहीं डॉ। श्रीराम स्टूडेंट्स के घर फोन कर अफवाह भी फैलाते हैं, जिससे कि परिजन भी त्रस्त हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कमिश्नर ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से आख्या मांगी थी। इस क्रम में वीसी ने यूनिवर्सिटी के डॉ। एएन तिवारी को जांच की कमान सौंपी थी। विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट से एडीएम सिटी ने डीएम को अवगत करा दिया है।