अल्लापुर में स्कूल में फंसे 60 बच्चों को एनडीआरएफ ने निकाला

आधे घंटे में 51 एमएम बारिश बनी आफत, घरों में घुटने तक घुसा पानी

बच्चे सही-सलामत निकले तो माता-पिता ने ली राहत की सांस

ALLAHABAD: सुबह के साढ़े सात बजे थे। आसमान में बादल सुबह से थे और फुहारें बरस रही थीं। बच्चों को छोड़ने स्कूल पहुंचे पैरेंट्स ने तब सोचा भी नहीं था कि अगले एक घंटे में उनके जीवन में क्या आफत आने वाली है। बारिश मूसलाधार हुई। नतीजा स्कूल में करीब छह फुट तक पानी घुस आया। अफरा-तफरी मच गई। आसमान में बादल घिरे हुए थे। निकलने का कोई रास्ता नहीं था। यह सूचना बच्चों के घर तक पहुंची तो पैरेंट्स की सासें अटक गई। सब-कुछ छोड़कर स्कूल की तरफ भागे। बीच में नाला रोड़ा बन गया। यहां खड़े होकर ईश्वर से दुआ करने के अलावा कोई चारा नहीं था। स्कूल के भीतर भी पढ़ाई बंद हो गई। सब बस किसी तरह सुरक्षित बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहे थे। प्रशासन तक सूचना पहुंची तो अफसरों के हाथ पांव फूल गए। एनडीआरएफ के जवानों ने बच्चों को सही सलामत बाहर निकाला तो सबकी जान में जान आई। यह सीन थोड़ा बड़ा था। लेकिन, लगभग यही हाल पूरे शहर का था। घरों के भीतर छह फुट तक पानी घुस गया था।

बंद किया जा चुका है स्लूज गेट

नदियां उफान पर हैं। जलस्तर खतरे के निशान से महज दो मीटर दूर है। इससे स्लूज गेट को बंद कर दिया गया है। पानी बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। इसी में मूसलाधार बारिश हुई तो अल्लापुर में आफत आ गई। बारिश के समय नाले के ठीक बगल में स्थित एमएल कांवेंट स्कूल में साठ बच्चों के साथ टीचर्स और स्टॉफ के सदस्य मौजूद थे। सब कैद हो चुके थे। स्कूल के भीतर लगातार पानी बढ़ रहा था और निकलने का कोई रास्ता नहीं था। घबराए बच्चे स्कूल की छत पर चढ़कर मदद की गुहार लगाने लगे। यह सीन देखकर आसपास के लोग सन्नाटे में आ गए। उन्होंने प्रशासन को सूचना दी।

बच्चों की चीख से दहले लोग

स्कूल के फंसे बच्चों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग दहल गए। सूचना पाकर पैरेंट्स भी हांफते-डांफते वहां पहुंच गए। बीच में नाले ने सबका रास्ता रोक दिया। कोई आगे नहीं बढ़ सका। कई बच्चों के पैरेंट्स की आंखों में आंसू भी आ गए। स्थानीय लोग किसी तरह से उन्हें सांत्वना दे रहे थे कि ईश्वर पर भरोसा रखें सब ठीक हो जाएगा। डीएम संजय कुमार की पहल पर एनडीआरएफ की टीम स्पॉट पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। इससे पैरेंट्स को बच्चों के सही-सलामत निकल आने की उम्मीद बढ़ी। एनडीआरएफ की टीम ने कुछ बच्चों को कंधे पर उठाकर बाहर निकाला तो कुछ को बोट के जरिए निकाला गया। सिविल लाइंस स्थित जीएचएस के हालात भी कुछ ऐसे ही थे लेकिन संयोग से स्कूल छूटने के समय पानी काफी हद तक निकल चुका था।