आगरा। शासन ने मध्यान भोजन में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक नया रास्ता निकाला है, इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स को मध्यान भोजन ग्रहण करने से पहले रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। शासनस्तर से परिषदीय विद्यालयों में स्टूडेंट्स को मध्यान भोजन का लाभ देने की योजना है। इसके लिए प्रत्येक स्टूडेंट्स के अनुसार बजट भी शासन से भेजा जाता है। लेकिन इस बार भोजन करने से पहले स्टूडेंट्स को रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर करने होंगे।

प्रोटीन युक्त भोजन देने की कवायद

स्कूलों में स्टूडेंट्स को मिलने वाला मध्यान भोजन छात्र संख्या के आधार मुहैया कराया जाता है। शासन ने इस बार कन्वर्जन कॉस्ट में इजाफा किया है। इसके अंतर्गत जूनियर हाईस्कूल के प्रत्येक स्टूडेंट्स 6.51 रुपए, वहीं प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स को 4.35 कन्वर्जन कॉस्ट स्कूल प्रधानाध्यापक के खाते में भेजी जाती है। इससे पूर्व जूनियर में 6.18 रुपए, प्राइमरी में 4.22 रुपए कन्वर्जन कॉस्ट थी। जिससे बच्चों को प्रोटीन युक्त भर पेट भोजन मिल सके।

ऐसे रुकेगा एमडीएम में फर्जीवाड़ा

स्कूलों में जो स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं, उन्हीं के आधार पर लिस्ट तैयार कर कन्वर्जन कॉस्ट के लिए भेजी जाती है। इस लिस्ट में ऐसे स्टूडेंट्स को भी शामिल कर लिया जाता था जो अनुपस्थित हैं। स्कूल प्रधानाध्यापक द्वारा भेजी गई लिस्ट के आधार पर कन्वर्जन कॉस्ट शासनस्तर से उनके खातों में भेजी जाती है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि चैकिंग के दौरान कई एक स्कूलों की छात्र संख्या में गड़बड़ी मिली है। अब स्कूल प्रधानाध्यापक को एमडीएम का लाभ लेने वाले स्टूडेंट्स से हस्ताक्षर कराने होंगे, इसके बाद भी उक्त छात्र की कन्वर्जन कॉस्ट खातों में भेजी जाएगी।

वर्जन

स्टूडेंट्स के लिए कन्वर्जन कॉस्ट बहुत ही कम है, उस कन्वर्जन कॉस्ट को भी समय से प्रधानाध्यापक के खातों में नहीं भेजा जाता है। इससे स्कूल इंजार्ज को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

राजीव वर्मा, जिलामंत्री यूटा

वर्जन

एमडीएम की कन्वर्जन कॉस्ट में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार इजाफा किया गया है, साथ ही स्टूडेंट्स को भोजन का लाभ लेने से पहले रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने होंगे। क‌र्न्वज कॉस्ट को नियमित करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे समय पर खातों में क‌र्न्वज कॉस्ट पहुंच सके।

एपी शर्मा, बीएसए