सुब्रत रॉय के बेटे सीमांतो रॉय ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इस समय जबकि मैं आपसे बात कर रहा हूँ सहारा श्री उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हैं. उन्होंने सुबह लखनऊ पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अधिकारियों से पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं."

इससे पहले सुब्रत रॉय ने एक बयान जारी करके कहा था कि वह कहीं भाग नहीं रहे हैं और 'उच्चतम न्यायालय के आदेशों का बिना शर्त पालन के लिए तैयार' हैं.

सुब्रत रॉय ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की अनुमति हो तो वह तीन मार्च तक 'घर में नज़रबंद रहते हुए अपनी बीमार माँ' के पास रहना चाहते हैं.

उन्होंने बयान में कहा, "मैं कहीं भाग रहा हूँ? मुझे ख़ुद से नफ़रत होने लगी है. मैं अब इस बेइज़्ज़ती को सहन नहीं कर सकता. मीडिया में कुछ नकारात्मक मानसिकता वाले लोग मुझे जिस तरह से निशाना बना रहे हैं उससे मैं दुखी हूँ."

सुब्रत रॉय ने कहा, "वे लोग एक ऐसे आदमी का चरित्र हनन कर रहे हैं जो अपनी बीमार माँ की सेवा में लगा है. अगर मेरी माँ को कुछ हो जाता है तो मैं ज़िंदगी भर ऐसे लोगों को नहीं भूलूँगा."

उन्होंने कहा, "कई लोगों ने मुझे सलाह दी थी कि अस्पताल में भर्ती हो जाओ लेकिन मुझे ऐसी नाटकबाज़ी से नफ़रत है. मैंने पुलिस से कहा है कि वह माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अपनी ड्यूटी निभाए."

सुब्रत रॉय ने कहा, "मैं लखनऊ में ही हूँ और कोर्ट से अपील करता हूँ कि मुझे तीन मार्च तक घर में ही नज़रबंद रहने की अनुमति दी जाए."

समन

"वे लोग एक ऐसे आदमी का चरित्र हनन कर रहे हैं जो अपनी बीमार माँ की सेवा में लगा है. अगर मेरी माँ को कुछ हो जाता है तो मैं ज़िंदगी भर ऐसे लोगों को नहीं भूलूँगा. कई लोगों ने मुझे सलाह दी थी कि अस्पताल में भर्ती हो जाओ लेकिन मुझे ऐसी नाटकबाज़ी से नफ़रत है"

-सुब्रत रॉय, सहारा प्रमुख

इससे पहले गुरुवार को लखनऊ की पुलिस सुब्रत रॉय की तलाशी में उनके निवास सहारा सिटी पहुँची थी लेकिन वह अपने निवास पर नहीं मिले.

स्थानीय पत्रकार अतुल चंद्रा के मुताबिक़ गोमतीनगर के स्टेशन ऑफ़िसर अजीत कुमार सिंह की अगुवाई में सहारा सिटी पहुंची टीम उनके घर पर समन देने के बाद लौट गई थी.

वहीं दूसरी ओर लखनऊ के एसएसपी प्रवीण कुमार ने बताया कि सुब्रत रॉय की तलाशी के लिए उन्होंने तीन पुलिस टीम का गठन किया है. बाक़ी की दो पुलिस टीम कहाँ है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में सुब्रत रॉय को चार मार्च तक कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सुप्रीम कोर्ट के ग़ैर ज़मानती वॉरंट के आदेश को रद्द किए जाने के लिए सुब्रत रॉय के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया है.

वकीलों के मुताबिक सुब्रत रॉय ने बुधवार को सर्वोच्च अदालत में उपस्थित नहीं हो पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी भी मांगी है.

सुब्रत रॉय की अपील

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा के ख़िलाफ ग़ैरज़मानती वॉरंट जारी किया था.

कोर्ट ने यह ग़ैरज़मानती वॉरंट सुब्रत रॉय के अदालत में पेश न होने पर जारी किया है.

कोर्ट ने सुब्रत रॉय के अदालत में पेश न होने पर कहा कि इस अदालत के हाथ बहुत लंबे हैं. कोर्ट ने आदेश दिया है कि सुब्रत रॉय चार मार्च को अदालत में पेश हों.

हालांकि सहारा समूह के तीन डायरेक्टर अदालत में पेश हुए.

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय गिरफ़्तार हुए

सहारा समूह ने एक बयान जारी कर कहा है कि सुब्रत रॉय अदालत में पेश होने के लिए दिल्ली आए थे लेकिन 24 फ़रवरी की शाम को उन्हें उनकी मां की तबीयत को लेकर डॉक्टरों का संदेश मिला और उन्हें वापस लखनऊ जाना पड़ा.

सहारा समूह के बयान में कहा गया है कि सुब्रत रॉय की मां की तबीयत बहुत नाज़ुक है और उन्हें अपनी मां के पास रहने की ज़रूरत है.

क्या है मामला?

यह मामला निवेशकों को उनके 20 हजार करोड़ रूपए नहीं लौटाए जाने से संबंधित है.

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में सेबी को निवेशकों के पैसों की वसूली के लिए कंपनी की संपत्ति की बिक्री करने की इजाज़त दी थी.

केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की खंडपीठ ने सेबी को पिछली सुनवाई में यह निर्देश दिया था कि वह निवेशकों के 20 हजार करोड़ रूपए की उगाही के लिए सहारा ग्रुप की संपत्ति को बेच दे.

सहारा समूह पर निवेशकों के 20 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त , 2012 में दिए गए अपने फैसले में सेबी को पैसों की वसूली के लिए सहारा कंपनी की संपत्ति की कुर्की करने का आदेश दिया था.

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