- चुनाव के बाद प्रदेश सरकार बड़े स्तर पर शुरू कर सकती है प्रक्रिया
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LUCKNOW :
शहर के राजकीय स्कूलों मे टीचर्स की संख्या काफी अधिक है वहीं ग्रामीण एरिया में टीचर कम हैं. शहरी क्षेत्रों में टीचर्स की तैनाती जबरदस्ती की गई है. इसका खुलासा ज्वाइंट डायरेक्टर की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में हुआ है.
रिपोर्ट आने पर होगा ट्रांसफर
बीते वर्षो में अधिकतर स्कूलों में कई टीचर सिफारिश के जरिए तबादला कराकर आए हैं. छात्र संख्या कम होने के बाद भी जिम्मेदारों ने मानक दरकिनार कर टीचर्स की तैनाती के आदेश दिए. अब राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए राजकीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों का ब्यौरा तैयार कराना शुरू कर दिया है. मानक से ज्यादा शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में ट्रांसफर किया जाएगा. ताकि कम शिक्षक वाले स्कूलों में भी बेहतर एजुकेशन दी जा सके.
नहीं मान रहे मानक
शहर में करीब 48 राजकीय माध्यमिक स्कूल हैं. स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से यहां टीचर्स की तैनाती की जाती है. लेकिन इन मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नरही में 173 स्टूडेंट पर 20 टीचर तैनात हैं. राजकीय इंटर कॉलेज इंदिरा नगर में 19 और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सरोसा-भरोसा में 16 स्टूडेंट्स के लिए 15 टीचर्स हैं.
यह हैं मानक
राजकीय स्कूल में क्लास 6 से 8 तक 60 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए. क्लास 9-10 में 65 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक और क्लास 11-12 में 80 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक की तैनाती का नियम है.
यहां शिक्षकों का टोटा
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत दो दर्जन से ज्यादा स्कूल स्वीकृत हुए थे. बिल्डिंग निर्माण पूरा न होने से यह स्कूल एक कमरे में चल रहे हैं. राजकीय हाईस्कूल रतियामऊ, राजकीय हाईस्कूल मवई, राजकीय हाईस्कूल मलहा में केवल एक-एक टीचर ही हैं. राजकीय हाईस्कूल थरी में तो स्थाई पि्रंसिपल भी नहीं है.
शासन स्तर पर सरप्लस शिक्षकों का पूरा ब्योरा मांगा गया है. जैसे ही नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी होगी, इन सरप्लस शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
सुरेंद्र तिवारी, जेडी, लखनऊ मंडल