बिश्केक (पीटीआई)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को किरगिस्तान में अपने समकक्ष इरलान अब्दिलदेव से मुलाकात की। वहां उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग और बढ़ाने के उपायों पर बातचीत की। सुषमा के इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार, साझा फिल्म निर्माण, ऊर्जा, मानव संसाधन, पर्यटन, रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने पर सहमति बनी। सुषमा स्वराज कजाखिस्तान के यात्रा के बाद पूर्वी किरगिस्तान के इस्सयक कुल पहुंचीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेश मंत्री सिर्फ दो दिनों के लिए किरगिस्तान गईं हैं।

तीन दशों की यात्रा पर सुषमा स्वराज

बता दें कि शुक्रवार को जब सुषमा स्वराज किरगिस्तान पहुंची तो उनका स्वागत वहां के विदेश मंत्री अब्दिलदेव ने किया। वहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही उन्होंने राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव से भी मुलाकात की और सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। इसक अलावा सुषमा ने किरगिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन का अध्यक्ष बनने पर भी बधाई दी। गौरतलब है कि सुषमा मध्य एशियाई देशों के साथ संबंध मजबूत करने के इरादों से तीन देशों की यात्रा पर हैं। किरगिस्तान के बाद वह उजबेकिस्तान के लिए रवाना होंगी। सुषमा और अब्दिलदेव की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और आगे ले जाने की विस्तृत संभावनाओं का पता लगाया जाएगा।

दोनों देशों के बीच गहरे संबंध
बता दें कि दोनों विदेश मंत्री इससे पहले भी कई बार मिलकर बातचीत कर चुके हैं। इनमें न्यूयार्क में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान हुई मुलाकात भी शामिल है। भारत और किरगिस्तान के बीच राजनीतिक, संसदीय रक्षा, विज्ञान, तकनीक और स्वास्थ्य समेत बहुआयामी संबंध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुलाई 2015 में वहां की यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद दिसंबर 2014 में किरगिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अल्माजबेक आतमबायेव भारत आए थे।

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