खास हैं ये दिन

सूफी तरबियत के शहंशाह हजरत मोहम्मद शाहबुद्दीन शाह शाहजहां के 357वें उर्स की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। 16 से 18 जून तक चलने वाले इस तीन दिनी उर्स पर हर साल की तरह इस बार भी देश भर से जियारत के लिए अकीदतमंद ताजमहल पर जुटेंगे। इन तीन दिनों में साल भर लोगों के लिए बंद रहने वाली शाहजहां और मुमताज की मजार को भी नजदीक से देख सकेंगे। उर्स के दौरान ताजमहल पर कोई एंट्री टिकट भी नहीं होगा। सुरक्षा के लिहाज से बैनर, पोस्टर, चाकू, खैनी, सिगरेट, माचिस नहीं लाने की इजाजत नहीं होगी। लेकिन, जायरीनों के अगरबत्ती, फूल, चादर, मोमबत्ती लाने पर कोई बंदिश नहीं होगी। मंडे को एएसआई की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश अमन कमेटी और उर्स आयोजन समिति की बैठक हुई।

गुस्ल की रस्म से उर्स का आगाज

उत्तर प्रदेश अमन कमेटी के प्रदेश मुख्य संचालक सैय्यद मुनव्वर अली के मुताबिक 16 जून को दो बजे के बाद नमाज जौहरे गुस्ल की रस्म के लिए शाहजहां और मुमताज की असली मजारों के दरवाजे अकीदतमंदों की जियारत के लिए खोल दिए जाएंगे। ये दरवाजे साल भर बंद रहते हैं। उर्स के दौरान तीनों दिन इन मजारों की जियारत की जा सकेगी। 17 जून को दो बजे संदल की रस्म होगी। इसके साथ ही मिलाद शरीफ व कव्वाली का सिलसिला शुरू होगा। 18 जून को नमाज फजर कुल शरीफ, फातिहा, कुरआरखानी के बाद चादरपोशी की जाएगी।

550 मीटर लंबी चादर

चादरपोशी के तहत पहली चादर अजूमन-ए-मोहम्मदिया की ओर से पेश की जाएगी। हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी यह चादर चढ़ाएंगे। पूर्व एमएलए जुल्फिकार अली भुट्टो और कैंट से एमएलए गुटियारी लाल दुबेश दूसरी चादर पेश करेंगे। रामजीलाल सुमन और रईसुद्दीन मजार पर तीसरी चादर चढ़ाएंगे। उर्स पर हर बार की तरह इस बार भी रोजा-ए-खुद्दाम कमेटी सबसे बड़ी चादर शहंशाह को पेश करेगी। पिछली बार पेश की गई 400 मीटर की चादर की पेश करने वाली यह कमेटी इस दफा 550 मीटर चादर चढ़ाएगी। कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर के मुताबिक जो भी अकीदतमंद इस चादर में सहयोग करना चाहता है, वह ट्यूजडे की सुबह 9 बजे तक कपड़ा कमेटी को दे सकता है। उर्स पर ससुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कांग्रेसी लीडर इब्राहिम जैदी, एएसआई, होटल एंड रेस्टारेंट ओनर एसोसिएशन की ओर से भी चादरें चढ़ाई जाएंगी। उर्स के समापन पर सीआईएसएफ और ताजमहज की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों भी चादर पेश करेंगे।