JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स के मदर प्लांट जमशेदपुर में शुक्रवार की देर रात मैनेजमेंट और अस्थायी कर्मियों के बीच जिला प्रशासन की मौजूदगी में समझौता हो गया। इससे तीन दिनों से चला आ रहा विवाद थम गया। समझौते से अस्थायी कर्मियों के साथ-साथ कंपनी के स्थायी मजदूर भी खुश हैं। वे भी नहीं चाहते हैं कि बार-बार उनकी कंपनी में बवाल हो तथा औद्योगिक माहौल बिगड़े।

आंदोलन की होगी समीक्षा

टाटा मोटर्स में हुए बवाल की समीक्षा की जाएगी। किस वजह से बवाल खड़ा हुआ, इस विवाद का जिम्मेवार कौन हैं इन सारी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। कंपनी मुख्यालय भी आए दिन हो रहे हो-हंगामे व विवाद की जानकारी प्राप्त करेगा तथा औद्योगिक संबंध मजबूत बनाए रखने की दिशा में काम होगा। सूत्रों के मुताबिक घटना की समीक्षा करने को लेकर कुछ अधिकारी शहर पहुंचे हैं तो कई आने वाले भी हैं।

स्थायी नहीं होने का था मलाल

टाटा मोटर्स कर्मचारियों के ग्रेड समझौते के समय अस्थायी कर्मियों का स्थायीकरण नहीं हो पाया था। इससे पूर्व ख्0क्फ् में हुए ग्रेड में ख्भ्0 बाई सिक्स कर्मी स्थायी हुए थे। इस बार स्थायी नहीं होने का मलाल भ्000 से ज्यादा अस्थायी कर्मियों को था। उनका कहना था कि ग्रेड में स्थायीकरण का परंपरा समाप्त की जा रही है। इसका प्रभाव सभी बाई सिक्स पर पड़ेगा। अस्थायी कर्मियों ने अपना दुखड़ा प्रबंधन के साथ-साथ यूनियन नेताओं को भी सुनाया था लेकिन कहीं से ठोस व संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। इससे अस्थायी कर्मी बिफरे हुए थे। इसी बीच उनके अगस्त के पे-स्लिप में चार से छह हजार का वेतन कम मिला था। हालांकि, उसी दिन प्रबंधन ने घोषणा कर दी थी कि सिस्टम में एरर होने से ऐसा हुआ। इसे जल्द सुधार लिया जाएगा। लेकिन वेतन विसंगति के साथ-साथ स्थायीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर उग्र हुए अस्थायी कर्मी ख्00 परमानेंट होने पर मान भी गए।

हड़ताल पर जताई चिंता

इंटक नेता एके पांडेय ने टाटा मोटर्स में आए दिन हो-हंगामा व हड़ताल होने पर चिंता जताई है। कहा है कि इस पर कंपनी प्रबंधन व यूनियन दोनों को मिलकर काम करना होगा। औद्योगिक वातावरण बनाए रखना आवश्यक हैं। इसका असर कंपनी व कर्मचारी दोनों पर पडे़गा। पांडेय ने अस्थायी कर्मियों के समझौते पर प्रसन्नता जताई हैं। कहा है कि युवा नेतृत्व काफी सोच-समझकर सही समय पर समझौता की है, जो तारीफ योग्य हैं।

बीते शुक्रवार को हमने संबंधित सदस्यों के साथ मिलकर सफ लतापूर्वक निष्कर्ष निकाला है और ख्00 श्रमिकों को स्थायी भी किया है, जो प्रशंसनीय है। अस्थायी श्रमिकों का गुमराह करने का प्रयास हुआ। अब विवाद समाप्त हो चुका है। अस्थायी कर्मियों के समझौते से सभी प्रसन्न हैं।

टाटा मोटर्स प्रबंधन