छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) और टाटा स्टील के बीच प्रस्तावित योजनाओं को अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं देने के मुद्दे पर चल रही तनातनी अब खत्म होने जा रही है। ये मामला टाटा स्टील द्वारा सरकार की प्रस्तावित 110 से ज्यादा योजनाओं को अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से इंकार करने पर शुरू हुआ था। विवाद को हल करने के लिए बनाई गई जेएनएसी और टाटा स्टील के अधिकारियों की संयुक्त टीम का योजना स्थलों का सर्वे शुक्रवार को खत्म हो गया।

कंपनी सौंपेगी रिपोर्ट

टाटा स्टील के अधिकारी जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे जिनमें कारण के साथ बताएंगे कि वो किन प्रस्तावित योजनाओं को अनापत्ति प्रमाणपत्र देने जा रहे हैं और किन योजनाओं को नहीं। कारण में इस बात का भी जिक्र होगा कि जिस योजना को वो एनओसी नहीं देंगे उससे टाटा स्टील के हितों को क्या नुकसान है। क्या संबंधित योजना कंपनी के विस्तार प्लान में आड़े आ रही है?

12 जुलाई से चल रहा है सर्वे

जेएनएसी और टाटा स्टील का संयुक्त सर्वे 12 जुलाई से शुरू हुआ था। जेएनएसी और कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों का दौरा कर योजनाओं के स्थल का भौतिक सत्यापन किया। विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने टाटा स्टील से कहा है कि अब बिना वजह जनहित की किसी योजना में अड़ंगा नहीं लगाएं।

मरीन ड्राइव बनाने की अड़चनें होंगी दूर

गौरतलब है कि आदित्यपुर ब्रिज से खरकई नदी के किनारे टोल ब्रिज तक एक मरीन ड्राइव प्रस्तावित है। शहर की इस महत्वाकांक्षी योजना का टेंडर भी निकल चुका है। सड़क निर्माण शुरू होने वाला ही था कि टाटा स्टील ने इसमें एनओसी का पेच फंसा दिया।