JAMSHEDPUR: टाटा स्टील में काम के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मौत हुई या कोई अंग कटने से जीवनभर के लिए अपंग होता है, तो ऐसे कर्मचारी या उनके आश्रित को 50 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग मिले। टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व ने अपने चार्टर ऑफ डिमांड में इसकी मांग की है। टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व द्वारा भेजे गए अपने चार्टर ऑफ डिमांड में कर्मचारियों के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है। इसमें स्थायी कर्मचारियों के लिए नया ग्रेड बनाने, रात्रि भत्ते में बढ़ोतरी करने, एनएस ग्रेड कर्मचारियों के इंसेंटिव बोनस लिए विशेष स्लैब बनाने की मांग की गई है। कंपनी में होने वाली दुर्घटनाओं से उनके आश्रितों का जीवन बर्बाद न हो। इसलिए यूनियन नेतृत्व ने 50 लाख रुपये या संबधित कर्मचारी के अंतिम बेसिक-डीए का 50 माह का वेतन दिए जाने की वकालत की है। यूनियन नेतृत्व का मानना है कि टाटा स्टील देश की एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो कर्मचारियों के हितों का विशेष ख्याल रखती है। कई महत्वपूर्ण निर्णय पहले टाटा स्टील में हुए, इसके बाद इसे देश भर में प्रभावी किया गया।

चार्टर ऑफ डिमांड में शामिल मांगें

-इसेंटिव बोनस स्कीम की समीक्षा हो।

-धूल, गैस या जोखिम क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को विशेष भत्ता देने।

-सभी कर्मचारियों को फ्र्लो लीव का लाभ मिले।

-कर्मचारियों को मिलने वाली मेडिकल सुविधा और बेहतर हो।

-वर्तमान में कर्मचारियों के लिए बने सभी ग्रेड की फिर से समीक्षा हो।

-कंपनी में कार्यरत महिलाओं को विशेष सुविधा मिले। उनकी संख्या में भी बढ़ोतरी हो।

-रात्रि पाली भत्ता में 500 रुपये की बढ़ोतरी हो।

-कर्मचारियों की छटनी न हो। विभाग या सेक्शन बंद होने पर अगर कर्मचारी सरप्लस होते हैं तो उन्हें फिर से प्रशिक्षण मिले। दूसरे विभाग में नियोजित हो।

-पिछले ग्रेड रिवीजन समझौते में हुए सभी समझौते पूर्ववत: बनी रहे।

-मिनीमम गारंटीड बेनीफिट (एमजीबी) के तहत कर्मचारियों को 50 प्रतिशत बेसिक-डीए मिले।

-इंक्रीमेंट रेट में बढ़ोतरी हो। इसे अधिकतम 10 प्रतिशत बढ़ाने की मांग।

-वर्कर, सुपरवाइजर व एनएस ग्रेड कर्मचारियों को भविष्य में मिलने वाले आर्थिक लाभ की राशि एक समान हो।

-उच्च शिक्षा प्राप्त कर्मचारियों को एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट का लाभ मिले।

-कलस्टर ग्रेड में एक नया स्ट्रक्चर-ए बने।

-पार्किंग ग्रेड व स्टेगनेशन व्यवस्था की समीक्षा हो।

-कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर बने और सभी को समान काम का समान वेतन मिले।

-ऑपरेशन और मेंटेनेंस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को एक समान ग्रेड स्ट्रक्चर बने।

-इंक्रीमेंट में लगने वाली सीलिंग को हटाया जाए।

-क्रेन ऑपरेशन सेक्शन में सुपरवाइजर का पोजिशन बने।

टाटा कमिंस का उत्पादन आधा

टाटा कमिंस का उत्पादन करीब आधा हो गया है। एक माह में नौ से दस हजार इंजन बनाने वाली कंपनी में इस चालू माह में मात्र 6000 इंजन बनाने का लक्ष्य है। बीते माह जनवरी से उत्पादन अचानक कम हो गया है। दिसंबर-18 में आठ हजार इंजन बने थे जबकि जनवरी में वह घटकर सात हजार हो गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि अब अप्रैल-19 से ही उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

टाटा मोटर्स का उत्पादन हुआ कम
टाटा मोटर्स ही टाटा कमिंस के इंजन का प्रमुख ग्राहक है। इसके 60 फीसद इंजन टाटा मोटर्स जमशेदपुर इकाई खरीदती है जबकि शेष इंजन लखनऊ, पुणे व अन्य स्थानों पर भेजे जाते हैं। बीते दो माह से ऑटो सेक्टर के बाजार में गिरावट आई है। जनवरी-19 में आठ हजार तक वाहन बने हैं। जबकि चालू माह में उससे भी कम बनने की संभावना है। टाटा मोटर्स के उत्पादन का सीधा असर कमिंस में दिख रहा है। टाटा मोटर्स में रात्रि पाली बंद है। जनरल व बी शिफ्ट में काम चल रहा है। ए पाली में केवल एसेंबली लाइन एक में ही काम हो रहा है।