- नगर निगम गृहकर वसूलने को नई कवायद में जुटा

- जीआईएस से भवनों की की जाएगी मैपिंग

- सभी भवनों को लाया जाएगा गृहकर के दायरे में

आगरा. नगर निगम की सीमा में आने वाले भवन अब गृहकर से नहीं बच पाएंगे. इसके लिए पूरे प्रदेश में जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम से भवनों को चिह्नित कर मैपिंग की जाएगी. बता दें कि शहर की सीमा में दो लाख से ज्यादा भवन आते हैं, लेकिन हर बार पूरी वसूली नहीं हो पाती है. इसके चलते नगर निगम को हर बार राजस्व कर हानि होती है.

भवनों की जाएगी मैपिंग

जीआईएस व्यवस्था के तहत नगर निगम की सीमा में आने वाले सभी भवनों की मैपिंग की जाएगी. संपत्तियों का सर्वे कराया जाएगा. बता दें कि नगर निगम में अभी बहुत सी संपत्तियों का ब्यौरा तक दर्ज नहीं है. पहले नगर निगम की सीमा में 90 वार्ड आते थे. नगर निगम की सीमा विस्तार के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 100 हो गई है. ऐसे में भवनों और संपत्तियों में भी इजाफा हुआ है.

15466 भवनों से नहीं हो सकी वसूली

शहर में अभी तक 15466 भवनों से वसूली नहीं हो सकी. इसके लिए राजस्व निरीक्षकों को चेतावनी दी गई है. बता दें कि छत्ता जोन का रकाबगंज वार्ड के बहुत से ऐसे एरिया हैं, जो ज्यादातर मलिन बस्तियां हैं. ढोलीखार, मंटोला, सदर भट्टी, कंगालपाड़ा, घटिया मामू, नाई की मंडी, नाला कंसखार, नाला डेरा सरस, नाला चून पचान, काजीपाड़ा आदि ऐसे इलाके हैं, जहां से वसूली नहीं हो सकी है.