- एयरफोर्स ने टैक्सी वे के निर्माण के लिए बची हुई जमीन पर भी दी काम की अनुमति

- शासन ने जमीन खरीद के लिए 2.2 करोड़ के बजट को दी मंजूरी, निर्माण में और आएगी तेजी

बरेली। एयरपोर्ट के निर्माण में अब और तेजी आएगी। एक ओर एयरफोर्स ने टैक्सी वे के लिए जहां बची लैंड पर भी काम की अनुमति दे दी, वहीं जमीन खरीद के लिए बचे हुए 2 करोड़ 20 लाख रुपए भी जारी करने के लिए शासन ने मंजूरी दे दी। मंडे को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ज्वाइंट जनरल मैनेजर ने एयरफोर्स अधिकारियों के साथ मीटिंग की, जिसमें निर्माण की अनुमति दी गई।

3.62 एकड़ जमीन है एयरफोर्स की

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ज्वाइंट जनरल मैनेजर राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि एयरफोर्स स्टेशन के अंदर 3.62 एकड़ लैंड पर 195 मीटर लंबा टैक्सी वे का निर्माण किया जाना है। इसके लिए एयरफोर्स ने दो सप्ताह पहले 2.69 एकड़ जमीन पर काम की अनुमति दे दी थी, लेकिन 0.93 एकड़ जमीन बच गई थी। मंडे को इसको लेकर एयरफोर्स अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई, जिसमें बची हुई लैंड पर काम करने की भी अनुमति दे दी गई। अब टैक्सी वे के निर्माण की सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। इसके अलावा पानी, बिजली और टेलीफोन की सुविधा का भी एस्टीमेट बनाकर भेजा जा चुका है। शासन से जल्द ही इसके मिलने की उम्मीद है।

छोटा गेट बनाने लिए लिखा पत्र

मार्च तक सभी काम पूरे कर एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरने की तैयारी में प्रशासन जुटा हुआ है। करीब एक महीने पहले डीएम ने नाथ नगरी एयरपोर्ट के आउटर सर्किल का निर्माण जनवरी के अंत तक करने के निर्देश दिए थे। कुछ दिनों पहले ही एयरफोर्स ने टैक्सी वे बनाने की अनुमति दी थी। रनवे के इस्तेमाल के लिए टर्मिनल से टैक्सी वे बनाया जाएगा। टैक्सी वे के बीच में एयरफोर्स की एक दीवार है, जिसे तोड़ा जाना है। यहां पहले छोटा गेट बनेगा और इसके बाद बड़ा गेट, जिससे प्लेन यहां से अंदर जा सकें। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए एयरफोर्स को पहले छोटा गेट बनाने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखा है, हालांकि अभी अभी इस दीवार को तोड़कर गेट बनाने की अनुमति नहीं मिली है।

इस जमीन का था बकाया

एयर टर्मिनल के निर्माण के लिए शासन ने गाटा संख्या 504 और 491 की जमीन खरीद के लिए 2,20,52000 रुपए की धनराशि जारी कर दी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अगस्त 2018 में बजट बनाकर भेजा था, लेकिन धनराशि स्वीकृत नहीं हुई थी, जिसकी वजह से निर्माण में भी दिक्कत आ रही थी।

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एयरफोर्स से बची हुई जमीन पर टैक्सी वे के निर्माण की अनुमति मिल गई है। अब जल्द निर्माण हो जाएगा। छोटा गेट बनाने के लिए भी पत्र लिखा गया है।

राजीव कुलश्रेष्ठ, ज्वाइंट जनरल मैनेजर एएआई