-टीबी के मरीजों की पहचान व उनके इलाज के लिए शहर में सोमवार से चलेगा महाअभियान
-एक लाख घरों तक पहुंचेगी टीम, 4,51,140 लोगों की होगी स्क्रीनिंग
पीएम मोदी के ड्रीम प्लान टीबी मुक्त भारत को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बनारस में लार्ज स्केल पर कैंपेन चलाने का फैसला लिया है। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी मरीजों की पहचान और उनके इलाज के लिए जिले भर में 18 से 28 जून तक महाभियान चलाया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में शामिल हेल्थ वर्कर्स की टीम डोर टू डोर पहुंचकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। अगर जरूरी हुआ तो उनके बलगम की जांच भी की जाएगी। जांच के दौरान यदि किसी में टीबी की पुष्टि होती है तो उसका तत्काल इलाज शुरू कराया जाएगा।
कैंपेन के लिए बनी 160 टीम
सोमवार से शुरू हो रहे इस महाभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.10 दिनों तक चलने वाले अभियान के लिए कुल 160 टीमें तैयार की गई हैं। इनकी निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के 36 पर्यवेक्षकों को दी गई है। यह टीम 90 हजार से एक लाख घरों में जाकर करीब 4,51,140 लोगों की स्क्रीनिंग करेगी।
2025, टीबी के अंत का टारगेट
2025 तक टीबी मुक्त देश बनाने के लिए जरूरी है कि जिले में टीबी रोगियों को खोजने के साथ उनका समय से फ्री इलाज किया जाए। अभियान के सफल संचालन के लिए निजी चिकित्सालयों व स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपील की गई है कि वे इससे जुड़कर भारत को टीबी मुक्त बनाने में योगदान दें।
यहां चलेगा अभियान
अभियान के दौरान उन क्षेत्रों में ज्यादा फोकस होगा जहां टीबी पेशेंट्स के होने की संभावना ज्यादा हो। इसमें मलिन व बुनकर बस्तियों के साथ दूरदराज के क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा वृद्धाश्रम, जेल, अनाथालय, रैन बसेरा, ईट-भट्ठा आदि जोखिम वाले क्षेत्रों को भी अभियान में शामिल किया गया है। बताया कि कैंपेन में मिलने वाले मरीज को इलाज के दौरान संपूर्ण खान-पान व पोषण के लिए प्रतिमाह पांच सौ रुपये दिए जाएंगे।
किस किस को जिम्मेदारी?
अभियान के तहत एरिया र्वाज आशा वर्कर, एनएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये डोर टू डोर पहुंचकर पूछेंगी कि घर में किसी को लंबे समय से खांसी, बुखार, सीने में दर्द, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन कम होने की शिकायत तो नहीं है। यदि किसी में यह लक्षण होंगे तो उनके बलगम को जांच के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा।
ये यूनिट भी रहेंगे शामिल
अभियान में शिवपुर, सुंदरपुर, काशी विद्यापीठ, भेलूपुर, चिरईगांव, हरहुआ, चोलापुर, दुर्गाकुंड, बड़ागांव, पिंडरा, आराजी लाइन, सेवापुरी, चौकाघाट डीटीसी समेत जिले की 14 टीबी यूनिट को भी शामिल किया गया है।
एक नजर
18 से 28
जून तक चलेगा कैंपेन
90 से 01 लाख
घरों तक पहुंचेगी टीम
4,51,140
लोगों की होगी स्क्रीनिंग
160
टीमें की गई हैं तैयार
36
पर्यवेक्षक करेंगे टीम की निगरानी
वर्जन--
2025 तक भारत को टीबी मुक्त घोषित करने का टारगेट है। ऐसे में जरूरी है कि इस कैंपेन के माध्यम से टीबी पेंशेंट्स को खोजकर उनका समय पर फ्री इलाज कराया जाए।
गोरांग राठी, सीडीओ
सोमवार से एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन की शुरुआत हो रही है। कैंपेन के दौरान हेल्थ वर्कर करीब एक लाख घरों तक पहुंचकर 4,51,140 लोगों की स्क्रीनिंग करेंगे।
डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ