शिक्षक दिवस पर विशेष

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LUCKNOW:
वह शिक्षक ही होता है जो आपको नियमों में बांधकर एक अच्छा इंसान बनाता है। आपको खुले आसमान में अकेला छोड़कर मार्गदर्शन करता है ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सकें। एक शिक्षक ही अपने शिष्य को हर परिस्थितियों से लड़कर जीतने का हुनर सीखाता है और हर परेशानी में प्रेरणा देकर कठिन मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती है। बिना प्रेरणा के किसी ऊंचाई तक पहुंचना संभव नहीं है। शिक्षक दिवस पर ऐसे ही लोगों से आपको रूबरू करा रहे हैं, जिनकी सफलता में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान रहा। पेश है एक रिपोर्ट

चुनौतियों से लड़ने का दिया हौसला
यह बात पूरी तरह से सच है कि बिना गुरु के मार्गदर्शन के जीवन में सफलता पाना असंभव है। मैं आज जिस मुकाम पर हूं, उसके पीछे मेरे गुरु खासकर मेरे पिता बद्री नारायण सिंह और अंकल भारत सिंह (दोनों सरकारी टीचर) का खासा योगदान है। दोनों के मार्गदर्शन से मुझे जीवन में ना सिर्फ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली बल्कि चुनौतियों से निपटने का हौसला भी मिला, जिसका परिणाम यह है कि आज मैं सरकारी पद पर बैठकर जनता की सेवा कर रहा हूं। आज भी अगर मुझे कोई प्रॉब्लम आती है तो मैं दोनों से ही विचार विमर्श कर अंतिम निर्णय लेता हूं। इसे पिता और अंकल से प्राप्त शिक्षा का ही असर कहा जाएगा कि मेरे पास अपनी समस्या लेकर आने वाले लोग निराश होकर नहीं लौटते हैं। मैं उनकी हर संभव मदद का प्रयास करता हूं।
पीएन सिंह, वीसी, एलडीए

गुरु के आशीर्वाद से हर कदम मिली सक्सेज
निश्चित रूप से स्कूल-कॉलेज से लेकर जीवन रूपी कक्षा में मेरा हर कदम पर गुरुओं ने साथ दिया। मुझे गुरुओं से प्रेरणा मिली कि किस तरह से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना किया जाता है। गुरुओं से मिली शिक्षा को जीवन में उतारकर सफलता के पथ पर कदम आगे बढ़ाए। मेरा यह भी मानना है कि भले ही समय बदला रहा हो, लेकिन आज भी गुरुओं की महत्ता कम नहीं हुई है। स्कूल से ही बच्चे के जीवन की मंजिल तय हो जाती है। हर बच्चे को अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए। गुरु से मिला आशीर्वाद ही उसे सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। मैं अपनी बात करूं तो आज भी अगर कभी किसी प्रॉब्लम में फंसता हूं और उसका हल नजर नहीं आता है तो तत्काल उन बिंदुओं को आत्मसात करता हूं, जो मुझे मेरे गुरुओं से मिले हैं। परिणाम यह होता है कि मैं समस्या के भंवर से निकल जाता हूं।
संजय गोयल, एमडी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि।

जीवन में कभी निराश नहीं होना पड़ा
मेरे जीवन में तो गुरुओं का विशेष स्थान है। स्कूल हो या कॉलेज, मुझे अपने गुरुओं से खासा मार्गदर्शन मिला है। मैंने अपने जीवन में हमेशा गुरुओं का सम्मान किया है। जिसका परिणाम यह है कि मुझे कभी किसी भी मुकाम पर निराश नहीं होना पड़ा। आज मैं जो कुछ भी हूं, उसके पीछे गुरुओं से मिले आशीर्वाद का महत्वपूर्ण योगदान है। जीवन में आने वाली चुनौतियों से किस तरह से निपटा जाए, इसका रास्ता मुझे गुरुओं से ही मिला है। मैं अपने जीवन में गुरुओं से मिले मार्गदर्शन का ही अनुसरण करती हूं और हमेशा करती रहूंगी। मेरा तो मानना यही है कि अगर जीवन में एक अच्छा गुरु मिल जाए तो फिर सफलता की मंजिल तक पहुंचने में देर नहीं लगती।
संयुक्ता भाटिया, मेयर

 

दिया जीत का मंत्र
मेरे जीवन में अगर किसी की सबसे ज्यादा अहमियत है तो वो मेरे कोच विष्णु शर्मा की। उन्होंने मुझे जीत का मंत्र दिया और हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मुझे याद है जब मैं केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आई थी तो मेरे पिता बहुत परेशान थे कि अकेले मैं कैसे रहूंगी। इसलिए वो मुझे लेने आ गये, लेकिन तभी मेरे कोच विष्णु सर ने मेरे पिता को समझाया और उनको मुझे रहने के लिए मना लिया। अगर उस दिन वो न होते तो मैं भी आज इंडिया हॉकी टीम का हिस्सा न होती। उसके बाद से विष्णु सर ने मुझे हर परेशानी से लड़ना सीखाया। आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मुझे शिष्या के साथ बेटी का भी प्यार दिया। जीवन में अगर आज जो कुछ भी हूं तो उसके पीछे मेरे गुरु का योगदान है जिसको मैं कभी नहीं भुला सकती। आज भी जब मैं परेशान होती हूं या मेरा गेम से ध्यान हटने लगता है तो विष्णु सर मुझे प्रेरणा देते हैं।
वंदना कटारिया, इंडियन हॉकी टीम प्लेयर