- 29 को केरल में दे सकता है दस्तक

आगरा। आंधी-तूफान के अंधड़ों को झेलने के बाद अब गर्मी का सितम शुरू हुआ है। आसमान से आग बरसने लगी है। पारा 45 को पार कर चुका है और लोगों का निकलना दुश्वार हो गया है। गर्मी का ये कहर आगे भी कुछ दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। अभी दो-तीन दिनों में तापमान 47 डिग्री से भी अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वैसे गर्मी से जल्दी ही राहत मिलने की भी उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून जल्दी दस्तक दे देगा।

पारा और चढे़गा

बुधवार को सुबह से ही सूरज ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया। दोपहर तक देखते-देखते पारा 45.4 डिग्री तक पहुंच गया और आसमान से जैसे आग के गोले बरसने लगे। चिलचिलाती धूप लोगों को जलाने लगी। गर्मी के कारण लोग बेहाल हो गए। दोपहर में सड़कें सूनी हो गईं। गर्मी का असर देर रात तक रहा। गर्म हवाओं के थपेड़ों ने बहाल कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार दो-तीन दिनों तक पारा और चढ़ेगा। गर्मी मुश्किल बढ़ाएगी।

समय से पहले मानसून के आसार

इस वर्ष मानसून समय से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि मानसून 29 मई को केरल में दाखिल हो जाएगा। वैसे मानसून की सामान्य तारीख 1 जून है। इससे उम्मीद की जा रही है कि मानसून इस बार उत्तर भारत में भी तय समय से 1-2 दिन पहले अपनी धमक देगा।

2013 में आया था एक जून को

दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले ही एक पूर्वानुमान जारी किया। इसमें ही मानसून के जल्दी आने की बात कही जा रही है। ये अनुमान 6 तरह के पैरामीटर्स के आधार पर लगाया गया है। विभाग के अनुसार इस तारीख में मॉडलीय गड़बड़ी अधिक से अधिक 4 दिन की हो सकती है। इसका मायने यह हुआ कि मानसून 29 मई से 4 दिन पहले या 4 दिन बाद भी आ सकता है। इस पूर्वानुमान के मुताबिक 23 से 24 मई तक बंगाल की खाड़ी में अंडमान सागर में मानसून सक्रिय हो जाएगा और भारत की तरफ बढ़ना शुरू कर देगा। हालांकि आमतौर पर ऐसा 20 मई के आसपास होता है। लेकिन इस बार थोड़ा विलंब हो रहा है। लेकिन इस देर से मानसून के आगमन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। केरल में समय से पहले मानसून के पहुंचने से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर भारत में भी जल्दी पहुंचेगा। हालांकि ऐसा होना जरूरी नहीं है क्योंकि यह आगे बनने वाली परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। बता दें कि केरल में पिछले साल 30 मई को मानसून पहुंचा था। लेकिन 2016 में यह 8 जून, 2015 में 5 जून, 2014 में 6 जून तथा 2013 में एक जून को पहुंचा था।