कैबिनेट की मीटिंग में 10 प्रस्तावों पर हरी झंडी

-- संशोधन विधेयक लाएगी सरकार, प्रारूप को मंत्रिमंडल से मिली स्वीकृति

-पांच हजार मीट्रिक टन के तीन शीतगृह बनेंगे, किसानों को मिलेगा लाभ

रांची : राज्य में चार भाषाओं को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिलने को वैधानिक दर्जा देने के लिए सरकार संशोधन विधेयक लेकर आएगी। कैबिनेट ने इसके लिए संशोधन विधेयक के प्रारूप को हरी झंडी दे दी है। मगही, भोजपुरी, मैथिली तथा अंगिका को राज्य की द्वितीय राजभाषा घोषित करने के लिए बिहार राजभाषा (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिल गई है। मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने कुल दस प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य के चार जिलों में 5000 मीट्रिक टन के शीत गृहों का निर्माण होगा जिसके लिए कैबिनेट ने 32.76 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। ये शीतगृह सिमडेगा, गढ़वा, गोड्डा व पश्चिम सिंहभूम जिलों में बनेंगे।

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159 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों का समायोजन

सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के 12 नव अंगीभूत कॉलेजों के 159 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के समायोजन के लिए कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है।

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कैबिनेट के अन्य फैसले

-रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन विश्वविद्यालय विधेयक 2018 के अनुमोदन को स्वीकृति।

-वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में ज्ञानोदय योजना के अंतर्गत ई-विद्यावाहिनी योजना एवं नीति आयोग केसाथ हुए त्रिपक्षीय एकरारनामा के क्रम में गुणवत्ता युक्त शिक्षा की नियमित मॉनीट¨रग के लिए 71.62 करोड़ रुपये की स्वीकृति।

-झारखंड अधिवक्ता लिपिक कल्याण निधि विधेयक, 2018 को अधिनियमित करने की स्वीकृति।

-राधा गोविंद विश्वविद्यालय (रामगढ़), रामचंद्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय (पलामू) एवं नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, (जमशेदपुर) विधेयक 2018 के अनुमोदन की स्वीकृति।