- करीब 45 लाख शहर की जनसंख्या

- 4 लाख 80 हजार भवन स्वामी

- 3 हजार कॉलोनी व अवैध मकान

- 10 लाख किरायेदार

- करीब 5.5 लाख दुकान में कर रहे काम

- 8 सौ टेनेंट एंड सर्वेट वेरिफाईड

- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरफ से करा सकते हैं लोग

- यूपी कॉप एप पर जाकर ऑन लाइन कर सकते है आवेदन

- मैनुअल प्रोफार्म में डिटेल भरकर नजदीकी थाने में जमा कर सकते है

LUCKNOW : टेनेंट एंड सर्वेट वेरीफिकेशन का सिस्टम भले ही पुराना हो, लेकिन उसकी हकीकत यह है कि दुकानदार और मकान मालिक वेरीफिकेशन कराने से खुद कतराते हैं। इसका नजीता कभी बार देखने और सुनने को भी मिल चुका है। हाई एजुकेटेड वर्ग भी वेरीफिकेशन को लेकर कल्चर डेवलप नहीं कर पा रहा है। इसका नतीजा रिटायर्ड आईएएस के घर पड़ी डकैती में देखने को मिला, जिसमें सूत्रधार उनका नौकर था। उन्होंने भी ना तो नौकर का वेरीफिकेशन कराया और ना ही उससे कोई आईडी ली थी। शहर में लगातार हो रहे इस तरह के केस को देखते हुए पुलिस ने टेनेंट एंड सर्वेट वेरीफिकेशन को ना केवल सरल कर दिया बल्कि इसे पूरी तरह से फ्री कर दिया है।

ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

टेनेंट एंड सर्वेट वेरीफिकेशन के लिए अब लोगों को थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यूपी पुलिस के यूपी कॉप एप को डाउनलोड कर उस एप्लीकेशन में टेनेंट और सर्वेट वेरीफिकेशन ऑनलाइन भी करा सकते हैं। इसके लिए एप के प्रोफार्मा में जाकर अपने कर्मचारी की पूरी डिटेल, थाना और निवास के साथ उसकी आईडी आधार या वोटर आईडी कार्ड स्कैन करके डाउनलोड करना होगा, जिससे पुलिस उसके संबंधित थाने से उसकी क्रिमिनल हिस्ट्री की डिटेल मंगवा सकती है। ताकि आप को पता चल जाएगा कि अपने कर्मचारी के खिलाफ कहीं कोई केस रजिस्टर्ड तो नहीं है।

ऑफलाइन भी कर सकते हैं वेरीफिकेशन

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी वेरीफिकेशन करा सकते हैं। इसके लिए चाहे तो पुलिस की वेबसाइट पर नौकर व कर्मचारी सत्यापन के कालम में जाकर वहां बने एक प्रोफार्मा को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल लें। उस प्रोफार्मा में संबंधित व्यक्ति की पूरी डिटेल के साथ उसकी आईडी की कॉपी लगाकर अपने संबंधित थाना व चौकी में दे सकते हैं। यह प्रोफार्मा थाने व चौकी से भी निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।

टैक्स से बचने को नहीं कराते वेरीफिकेशन

कई दुकानदार और मकान मालिक टैक्स बचाने के लिए अपने कर्मचारी व किराएदार का सत्यापन नहीं कराते हैं। उन्हें लगता है कि वेरीफिकेशन कराने पर वह भी संबंधित सरकारी विभाग के टैक्स के दायरे में आ जाएंगे ,लेकिन ऐसा नहीं है। अपनी सुरक्षा के लिए कर्मचारी और किराएदार का सत्यापन करा सकते हैं, जिनके ऊपर किसी तरह का कोई टैक्स अतिरिक्त देय नहीं होगा।

आईडी लेना ही वेरीफिकेशन नहीं

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कई दुकानदार और मकान मालिक कर्मचारी, किराएदार से उनकी आईडी लेकर उससे निश्चित हो जाते हैं कि उनके पास आईडी है, लेकिन क्या वह आईडी प्रमाणित है इसके लिए वेरीफिकेशन जरूरी है। यहीं नहीं आईडी सही भी है तो वेरीफिकेशन के बिना यह पता नहीं चल पाता है उस पर अपराधिक मामले दर्ज हैं या नहीं।

वेरीफिकेशन न कराने पर उन्हें उठाना पड़ा था नुकसान

29 Jan 19

हजरतगंज में पूर्व ब्लॉक प्रमुख की गाड़ी में रखे 10 लाख रुपए लेकर नौकर गायब हो गया था। घटना के समय पूर्व ब्लॉक प्रमुख एक दुकान में चश्मा ठीक करा रहे थे।

10 Jan 19

मडि़यांव की एक राइस मिल में बने दाल गोदाम से एक कुंतल से अधिक दाल चोरी करने वाले तीन कर्मचारियों को मडि़यांव पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से चुराई गई 72 किलो दाल किराये पर ली गई एक दुकान से बरामद की गई। तीन कर्मचारियों का वेरीफिकेशन मिल मालिक ने नहीं कराया था।

9 Jan 19

कारोबार में निवेश और निवेश की रकम को दोगुना करने के नाम पर एक दंपति से 10 लाख रुपए ठगे गए। यह ठगी किसी और ने नहीं बल्कि दंपति के एक परिचित ने ही की थी।

3 Jan 19

आईजी क्राइम का बेटा बताकर एक युवक ने पीजीआई के लॉज मालिक और उसके भाई को गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप का ठेका दिलाने का झांसा दिया। 18 लाख रुपए लेकर गायब हो गया। लॉज मालिक ने रूम देते समय वेरीफिकेशन के लिए कोई आईडी नहीं ली थी।

18 Feb 19

मुंशी पुलिया पुलिस चौकी से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर हथियारबंद बदमाशों ने दिन दहाड़े लोक सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष के घर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। डकैती की पटकथा उनके घरेलू नौकर ने लिखी थी। घरेलू नौकर ने इशारा करके बदमाशों को अंदर बुलाया और फिर घर में मौजूद पिता और बेटी को बंधक बना लिया। उन्हें नशीला इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया और घर में रखी उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर, कैश और ज्वैलरी लूट ले गए। रिटायर्ड आईएएस ने नौकर का वैरीफिकेशन नहीं कराया था।

कोट-

टेनेंट एंड सर्वेट वैरीफिकेशन के लिए लोगों से अपील की जा रही है। वेरीफिकेशन की प्रक्रिया लोगों के लिए बहुत ही सरल की जा रही है। ताकि लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन वेरीफिकेशन करा सकें, जिससे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

कलानिधि नैथानी, एसएसपी