कानपुर। 13 अक्टूबर 1877 को इंग्लैंड में जन्में बर्नार्ड जेम्स इंग्लैंड क्रिकेट टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज रहे हैं। बर्नार्ड के नाम टेस्ट क्रिकेट में कोई खास रिकॉर्ड भले न दर्ज हो मगर उन्होंने वो ऐसा काम कर गए कि दुनिया आज भी उन्हें याद करती है। क्रिकेट के शुरुआती दौर में गेंदबाज आमतौर पर बेहद साधारण तरीके से गेंदबाजी किया करते थे। ऐसे में बर्नार्ड जेम्स ने अनोखे तरीके से गेंद फेंकना सीखा, जिसे बाद में 'गुगली' नाम दिया गया। बर्नार्ड गेंद को स्पिन कराने के बजाए सीधा रखते हुए उछाल के साथ फेंकते थे जिससे बल्लेबाज चकमा खा जाते थे और विकेट गंवा बैठते थे।

7 मैच खेले थे बर्नार्ड ने

क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, दो साल के टेस्ट करियर में बर्नार्ड ने कुल 7 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 25 विकेट चटकाए। ये सारे विकेट उन्होंने लेग ब्रेक गेंदबाजी करके ही हासिल किए। बर्नार्ड ने जब पहली बार गुगली गेंद डाली तो उन्हें खुद इस पर विश्वास नहीं हुआ मगर धीरे-धीरे वह इस कला में महारत हासिल करते गए और गुगली गेंद फेंकने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बन गए।

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क्या होती है गुगली

गुगली एक ऐसी गेंद होती है, जो एक दाएं हाथ के लेग-स्पिनर द्वारा फेंकी जाती है और गेंद पड़ने के बाद उल्टी दिशा में घूम जाती है। इसका मतलब यह है कि बॉल टप्पा लेने के बाद दाएं हाथ के बल्लेबाज के सामने, बाहर निकलने की बजाय अंदर की तरफ घूम जाती है। यह एक बाएं हाथ के स्पिनर के मुकाबले एकदम उलट है। उस स्थिति में बॉल अंदर आने की बजाय बाहर निकल जाती है। बाएं हाथ के लेग-स्पिनर (चाइनामैन) भी गुगली फेंकते है। उनका एंगल दाएं हाथ के स्पिनर के मुकाबले एकदम उल्टा होता है। पिच की लाइन में गुगली के अप्रत्याशित घुमाव के कारण बल्लेबाज अक्सर चकमा खा जाते हैं क्योंकि वह गेंद को सीधी लाइन में खेल जाते हैं और आउट हो जाते हैं।

कैसे फेंकी जाती है गुगली

गुगली फेंकना आसान नहीं होता है। गेंदबाज नेट में काफी पसीना बहाकर इसका अभ्यास करते हैं। गुगली फेंकने के लिए गेंदबाज की कलाई में दम होना चाहिए वह कलाई घुमाकर ही गुगली गेंद डाल सकता है। एक लेग स्पिनर गेंदबाज गुगली डालते वक्त अपनी कलाई को गेंद डालने के मुकाबले तेजी से घुमाता है। इस दौरान गेंदबाज को ध्यान रखना होता है कि गेंद उसके हाथ के पीछे से आए। यही नहीं कलाई की पोजीशन मैदान से 180 डिग्री पर होनी चाहिए और गेंद की सीम फाइन लेग की तरफ होनी चाहिए। गुगली डालते समय एक लेग-स्पिनर के हाथ की तीसरी उंगली गेंद को विपरीत दिशा में मुड़ने में मदद करती है। गुगली को लेग-ब्रेक एक्शन से भी डाल सकते हैं। इसके लिए बॉलर को गेंद को छोड़ते समय अपनी उंगली से गेंद को अधिक घुमाने की जरूरत होती है। यहां गेंद पर गेंदबाज की पकड़ वही रहती है बस दिशा बदल जाती है।

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