बैंक कर्मचारियों समेत एलआईसी व अन्य कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

डीएम को दिया ज्ञापन, दो दिवसीय हड़ताल खत्म

Meerut। राष्ट्रीय जन संगठन मंच व यूपी बैंक एम्पलाइज यूनियन के बैनर तले बुधवार को सैकड़ों बैंक कर्मचारियों व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने जिला सहकारी बैंक मुख्यालय से लेकर कलक्ट्रेट तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा सभी कर्मचारियों ने अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय कमलेश कुमार के सामने भी प्रदर्शन किया।

यह रही मांगे

सबके लिए न्यूनतम वेतन रुपये 18000 प्रतिमाह हो।

किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों।

लागत मूल्य 50 फीसद जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाए।

श्रम कानून सख्ती से लागू करें। महंगाई पर रोक लगाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

बोनस व भविष्य निधि की अदायगी पर से सभी बाध्यता हटे।

ट्रेड यूनियन का पंजीकरण 45 दिनों की सीमा के अंदर अनिवार्य किया जाए।

यह रहे शामिल

रैली में राष्ट्रीय जन संगठन मंच से संजीव कुमार शर्मा, महामंत्री आयकर कर्मचारी महासंघ कृष्ण पाल सिंह, महामंत्री यूपी बैंक एंप्लाइज यूनियन, प्रशांत शर्मा, महामंत्री बीमा कर्मचारी संघ अनुराग शर्मा, महामंत्री उत्तर प्रदेश मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला मंत्री बनी सिंह चौहान, नरेंद्र गुप्ता, महामंत्री बीएसएनल नरेश पाल सिंह, इलाहाबाद बैंक एसोसिएशन के सचिव ललित कुमार, अरूण, नरेंद्र, अमित, के.के अग्रवाल आदि शामिल रहे।

लोग रहे परेशान

दो दिन से चल रही बैंक कर्मचारियों की हड़ताल आज खत्म हो गई। इस बीच राष्ट्रीय बैंकों में काम न होने के चलते जहां बैंकिग पूरी तरह से प्रभावित रही वहीं लोगों को भी लेन-देन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच क्लीयरिंग से लेकर ट्रांजेक्शन का कोई भी काम नहीं हो पाया। जबकि कई एटीम में कैश न होने की वजह से भी लोगों को इधर-उधर चक्कर काटने पड़े। हालांकि हड़ताल में प्राइवेट बैंकों के शामिल न होने की वजह से कुछ लोगों को जरूर राहत मिली।

इनका है कहना

बैंक में बच्चों की फीस जमा करने आई थी लेकिन पता चला बैंक बंद हैं। काफी परेशानी हुई हैं।

मधु

बैंक से डीडी बनवाकर भेजना था लेकिन हड़ताल की वजह से बनवा नहीं पाएं हैं। गांव से आने-जाने में समय अलग से बर्बाद हुआ।

विनोद

काफी दिक्कत हुई है। दो दिन से बैंक का कोई काम नहीं करा पाएं हैं। बैंक में पैसा जमा करवाना था वह भी नहीं हो पाया है।

राकेश