-महिला मैनेजर सहित तीन को किया गिरफ्तार

-घाटे से उबरने के लिए बनाई थी लूट की योजना
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GORAKHPUR: कोतवाली एरिया के वोडाफोन स्टोर में साढ़े सात लाख रुपए की लूट में महिला मैनेजर सहित तीन लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया। मोबाइल के एम पैसा एप्लीकेशन में हुए घाटे की भरपाई के लिए कर्मचारियों ने झूठी कहानी गढ़ दी थी। नौकरी फंसने डर से स्टोर की महिला मैनेजर ने भी साजिश में शामिल हो गई। करियर बचाने के चक्कर में कर्मचारी लूट में फंस गए। एसएसपी ने बताया कि स्टोर से रुपए लेकर बदमाश बाहर नहीं निकला था। जांच में सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने वर्कआउट किया। एसएसपी की ओर से टीम को पुरस्कृत किया।

48 घंटे की मेहनत में खोज निकाला लुटेरा
अग्रसेन तिराहे पर वोडाफोन का स्टोर है। 19 सितंबर की स्टोर मैनेजर मयूरी शर्मा ने लूट की सूचना दी। आरोप लगाया कि एक अज्ञात बदमाश ने पिस्टल के बल पर उनको वॅाशरूम में बंद कर साढ़े सात लाख रुपया लूट लिया। स्टोर मैनेजर ने एक अज्ञात बदमाश और अपने दो कर्मचारियों सुशांत और असलम के खिलाफ जानबूझकर केस दर्ज कराया। जांच में पुलिस को मैडम की कहानी पर शक हुआ। पता लगा कि फर्जी एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच में सामने आया कि स्टोर में काम करने वाले कोतवाली एरिया के दिलेजाकपुर निवासी शशांक गुप्ता ने संदिग्ध युवक को आसानी से बाहर जाने दिया था। पुलिस को शक हुआ कि शशांक के इशारे पर घटना हुई। इस दौरान पता लगा कि कोई रुपया गायब नहीं हुआ था। उसने कर्मचारी अभिषेक और मयूरी शर्मा के साथ मिलकर लूट की साजिश रची। अभिषेक उसका घनिष्ठ मित्र था। इसलिए उसने लूट की कहानी बनाने में मदद की। कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि एम मोबाइल एप्स के जरिए रुपए जमा कराए जाते हैं। लेकिन बैलेंस शीट में गड़बड़ी से यह घाटा साढ़े सात लाख रुपए का हो गया था। इससे शशांक के अलावा अभिषेक और स्टोर मैनेजर मयूरी की नौकरी फंसने का खतरा बढ़ गया।

ड्राइवर को 20 हजार देकर बनाया साथी
लूट की योजना बनाकर शशांक ने अपने परिचित के ड्राइवर राजघाट खोखर टोला निवासी अफजल खान को मिलाया। एक दिन पहले उसे स्टोर में बुलाकर रेकी कराई। बताया कि पानी वाला बनकर आ जाना। इसके बदले में उसे 20 हजार रुपए देने की बात तय हुई। घटना दोपहर अफजल एसी मैकेनिक बनकर पहुंचा। ऊपर से पानी वाला बनकर उतरकर आसानी से चला गया। उसके जाने के बाद मयूरी ने लूट की सूचना दी। पुलिस जांच करने पहुंची तो पता लगा कि एक दिन पहले एम पैसा एकाउंट में रुपए जमा कराए गए थे। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को घटना के क्लू मिले। जिससे पुलिस को शुरुआती जांच में मयूरी शर्मा पर शक हुआ। 42 हजार से अधिक की सैलरी पाने वाली मयूरी ने पुलिस को बताया कि अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में वह साजिश में शामिल हो गई। शशांक ही कैश का सारा काम देखता था। इसलिए वह रुपए हड़पना चाहता था। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 67,830 रुपए नकद, दो मोबाइल, 76 सिमकार्ड, चार अदद प्रीपेड सिमकार्ड बरामद हुआ।

इस तरह से खुला घटना का राज

- सीसीटीवी कैमरे में मयूरी शर्मा को बाथरूम में बंद करने, पिस्टल सटाने की पुष्टि नहीं हुई। मयूरी ने पुलिस को बताया कि उसने असलहा नहीं देखा। नोक के आधार पर पिस्टल होने का संदेह जताया।

- एक दिन पहले के सीसीटीवी फुटेज में अफजल के बारे में सुराग मिला। पूछताछ में कई बातें संदेह वाली सामने आई। संदिग्ध के लूट करके जाने के बाद नोटों के बंडल लेकर जाने से संबंधित कोई क्लू नहीं मिला।

- बिना टोकन के भीतर घुसे संदिग्ध के आने-जाने पर किसी ने टोकाटाकी तो शशांक ने उसे रोक दिया। बदमाश के भागने के बाद शोर मचाने के लिए पूरा मौका मिला। लेकिन मयूरी शर्मा ने किसी को कोई जानकारी नहीं दी।

- एफआईआर में मयूरी ने दो कर्मचारियों की मिलीभगत बताई। नामजद एफआईआर दर्ज कराई। इससे पुलिस का संदेह उस पर बढ़ गया। जांच में उसकी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध पाई गई।

घटना की शुरूआती जांच में क्लू मिल गए थे। स्टोर से बाहर रुपए नहीं गए थे। रुपए की लूट बताकर एम-पैसा एकाउंट में हुए नुकसान की भरपाई करने की योजना कर्मचारियों ने बनाई थी। पुलिस टीम ने साजिश को बेनकाब करते हुए लूट का पर्दाफाश किया।

शलभ माथुर, एसएसपी