- पुष्पक ट्रेन के एसएलआर कोच से चोरों ने गायब की कीमती साडि़यां, आर्टीफिशयल ज्वैलरी और दवाइयां

- चारबाग स्टेशन पर ट्रेन से माल उतारने पर हुआ खुलासा

LUCKNOW: चोरों ने फिल्मी अंदाज से चलती ट्रेन से लाखों का सामान पार कर दिया और किसी को भनक तक नहीं हुई। इस चोरी का खुलासा तब हुआ, जब ट्रेन लखनऊ के चारबाग स्टेशन पहुंची। मुम्बई से आए सामान की डिलीवरी लेने जब व्यापारी चारबाग पहुंचे, तो पता चला कि लाखों रुपए के सामान पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। मामले की जानकारी होते ही रेलवे प्रशासन और जीआरपी के लोग मौके पर पहुंचे। लेकिन चोरी कैसे और कहां हुई इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं दिखा।

कई बोरों से निकाला गया था सामान

मुम्बई से रोज सुबह आने वाली पुष्पक एक्सप्रेस बुधवार को अपने निर्धारित टाइम से चारबाग स्टेशन पहुंची। ट्रेन से उतर कर लोग अपनी मंजिल की तरफ बढ़ गए। इस ट्रेन से मुम्बई से आए माल की डिलीवरी लेने मनोज भी पहुंचे। उनके साथ रेलवे प्रशासन के लोग भी स्टेशन पहुंचे। जब एसएलआर कोच का दरवाजा खोलकर सामान नीचे उतारा जाने लगा तो पता चला कि उसमें से लाखों का सामान ही गायब है। यह देखकर रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के होश उड़ गए कि आखिर चलती ट्रेन से भला इतना सामान किसने पार कर दिया। जब व्यापारी ने एक के बाद एक कई बोरे खोले तो उसके पैरों तले भी जमीन खिसक गई। आखिर जब ताला खुला नहीं तो भला इसमें से लाखों का सामान भला कैसे निकाल लिया गया।

आर्टिफिशियल ज्वैलरी, साडि़यां और दवाइयां

व्यापारी मनोज गुप्ता ने बताया कि यह लगेज मुम्बई से यहां लाया गया है। इसमें साडि़यां, आर्टीफिशियल ज्वैलरी, शीशे के शानदार गिलास और मेडिकल के कई इक्यूमेंट्स और ढेरों दवाइयां मंगवाई गई थी। यह सामान आस-पास के इलाके में भेजा जाना था। उन्होंने बताया कि साडि़यां खासी महंगी थी। ये फैशनेबल साडि़यां होती हैं, जिनकी एक पीस की कीमत क्भ् से ख्0 हजार के बीच है। साडि़यों वाले बोरे से कई साडि़यां गायब हैं। आस-पास मार्केट में इनकी बहुत डिमांड रहती है। दूसरे नम्बर पर आर्टीफिशियल ज्वैलरी है। इनमें गले के हार, कान की बाली से लेकर खूबसूरत चूडि़यां भी शामिल हैं। इसके तो कई बोरे खुले मिले हैं। जल्दबाजी में सामान निकाले जाने के कारण कई डिब्बों से ज्वैलरी निकल कर बोरों के अंदर ही फैल गई। दवाइयों के कई पार्सल गायब है।

खुले पड़े थे पेंच

मौके पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि जिस एसएलआर कोच से सामान निकाला गया है, वह ट्रेन में ठीक इंजन के पीछे लगा हुआ था। इसके आधे हिस्से में सामान भरा हुआ था, जबकि आधा हिस्सा गार्ड लॉबी है। इसमें कोई नहीं था। गार्ड लॉबी में पार्टीशन के लिए लगाई शीट को स्टील की पत्तियों से पेंच लगाकर रोका गया है। चोरों ने गार्ड लॉबी को खाली देखकर उसे इसमें पार्टीशन के लिए लगाई शीट को निकाल दिया है। इसके पेंच खुले पड़े हैं।

सामान वह उठाया, जिसका कम था वजन

सूत्रों की मानें तो किसी बच्चे को एसएलआर कोच में उतारा गया है। इसके चलते उसने सिर्फ वह आइटम ही गायब हुए हैं, जिनका वजन कम रहा है। साडि़यों के पैकेट, आर्टीफिशियल ज्वैलरी के डिब्बे हल्के रहे तो वह ही निकाला गया। मेडसिन के डिब्बों से दवाइयां तो गायब है, लेकिन उसके बड़े खोखे यहीं मौजूद हैं। मौके पर मौजूद रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस एसएलआर कोच को एक व्यापारी ने बुक करा रखा था। ऐसे में इसमें ताला लगाए जाने की जिम्मेदारी भी उनकी रहती है। बस रेलवे प्रशासन की देखरेख में सामान चढ़ाया और उतारा जाता है और रास्ते की सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी की रहती है।

रेलवे को नहीं ताला खोलने का अधिकार

अब सवाल यह उठता है कि चोरी रास्ते में कहां हुई? इस सवाल पर सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जब मॉल यहां उतरना था तो यहीं पर एसएलआर कोच खोला गया तो सच्चाई पता चली। यदि इसमें से सामान कहीं और उतरना होता तो मामला पहले ही पकड़े आ जाता। फिर प्राइवेट डिब्बों में हमें ताला खोलने का अधिकार भी नहीं है।

मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। चोरी की सूचना मेरे पास नहीं है। सब कुछ सामान्य है। यदि कोई व्यापारी चोरी की सूचना लेकर मेरे पास आता तो उसकी शिकायत जरूर दर्ज की जाएगी।

- विष्णु कौशिक

इंचार्ज, एनआईआर चौकी

जिस कंपनी का सामान है, वह इसके लिए क्लेम कर सकता है। जांच के बाद उसे क्लेम का पैसा दे दिया जाएगा। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। फिर यह चोरी कहां हुई, इस मामले में जांच के बाद कुछ बताया जा सकता है।

- आलोक श्रीवास्तव

पीआरओ एनईआर

यहां से यह माल राजधानी के कई इलाकों में जाना था। लखनऊ में इस माल की डिलीवरी मुझे ही लेनी थी। लेकिन जब मैं माल लेने पहुंचा तो इसमें से लाखों रुपये का सामान गायब निकला। जीआरपी को इस बारे में सूचना दे दी गई है।

- मनोज गुप्ता

व्यापारी