आई एक्सक्लूसिव

-हर टेनरी में लगाई जाएगी इंफ्लुएंट इमिशन मॉनिटरिंग डिवाइस, सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के सेंट्रल सर्वर से होगी कनेक्ट

-गंगा में डिस्चार्ज हो रहा है क्षमता से अधिक खतरनाक केमिकल, लगातार प्रदूषित हो रही गंगा को साफ करने की बड़ी 'पहल'

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यन्हृक्कक्त्र: गंगा को मैला करने में सबसे बड़े गुनाहगारों में से एक खतरनाक टेनरी वेस्ट पर अब ऑनलाइन नजर रखी जाएगी। इसके लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने फ्राइडे को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। टेक्सटाइल, टेनरी, डाइंग और ब्लीचिंग इंडस्ट्रीज को अपनी फैक्ट्री में इंफ्लुएंट इमिशन मॉनिटरिंग डिवाइस 15 दिनों के अंदर इंस्टॉल करनी होगी। इस डिवाइस को सीपीसीबी के सेंट्रल सर्वर से कनेक्ट किया जाएगा। कानपुर की टेनरी और दूसरी इंडस्ट्रीज से निकलने वाले वेस्ट के बारे में दिल्ली में बैठे-बैठे ही मॉनिटर किया जा सकेगा। बता दें कि फरवरी-19 में कुंभ का आयोजन होना है। इसके चलते गंगा को दिसम्बर तक हर हाल में साफ करना प्रदेश सरकार की फ‌र्स्ट प्रॉयरिटी है। इसके लिए गंगा में गिरने वाले टेनरी वेस्ट को जीरो किया जाना है।

टीम ने की थी जांच

5 जनवरी 18 को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्राल बोर्ड और उ.प्र। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की 3 सदस्यीय ज्वाइंट टीम ने टेनरी और ग्रेविटी पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज, दादा नगर का निरीक्षण किया था। जिसमें क्षमता से अधिक टेनरी वेस्ट और ईटीपी आउटलेट पाया गया था। निरीक्षण के दौरान टीम को डिस्चार्ज आउटलेट में बीओडी की मात्रा 220 एमजी प्रति लीटर मिली, जबकि नॉर्मल वैल्यू 30 एमजी होनी चाहिए। इसी प्रकार सीओडी की मात्रा 478 एमजी प्रति लीटर मिली, जबकि नॉर्मल वैल्यू 250 एमजी है। क्षमता से अधिक टेनरी वेस्ट आउटलेट का मतलब यह है कि सीईटीपी में ट्रीट होने के लिए जा रहा वेस्ट ज्यादा है। इससे टेनरी वेस्ट सीधे गंगा में गिराया जा रहा है या फिर सीधे जमीन के नीचे प्रवाहित किया जा रहा है। इस डिवाइस के इंस्टॉल के बाद होने वाले टेनरी डिस्चार्ज को मॉनिटर किया जा सकेगा।

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मुख्य समस्या होगी खत्म

टेनरी में पिछले कई दशकों से पुरानी पद्धति से ही कार्य हो रहा है। जिसमें क्रोम और खतरनाक टेनरी वेस्ट भी निकलता है। जिसे सीधे गंगा में गिरा दिया जाता था। नीदरलैंड की सॉलिड एरिडॉड की टीम ने टेनरीज में टेक्निक पर बहुत कार्य किया। इसके अलावा सॉल्ट प्रिजर्वेशन टेक्निक, हेयर सेव अनहियरिंग टेक्निक, वॉटर लेस क्रोम टेक्निक पर भी कार्य किया गया, लेकिन टेनरीज ने इसे बमुश्किल ही स्वीकार किया। अब इनके वेस्ट की निगरानी पर जोर दिया जा रहा है जो मुख्य समस्या की जड़ है।

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यह होगा फायदा

-टेनरी में डिवाइस के इंस्टॉल होने के बाद डिस्चार्ज वेस्ट की सेंट्रली ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी।

-टेनरी कितना वेस्ट डिस्चार्ज कर रहीं हैं, इसका रोजाना डाटा एकत्रित किया जा सकेगा।

-क्षमता से अधिक टेनरी वेस्ट एसटीपी में नहीं जा सकेगा, जिससे सीईटीपी अच्छे से कार्य कर सकेंगे।

-अहमदाबाद में इस डिवाइस का रिजल्ट अच्छा निकला है, इसके लिए इसे लगाने पर विचार किया जा रहा है।

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जाजमऊ में एसटीपी की स्थिति

-5 एमएलडी

-36 एमएलडी

-120 एमएलडी

-9 एमएलडी का क्रोम प्लांट

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एक नजर आंकड़ों पर

-402 टेनरी सिटी की पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिकॉर्ड में।

-252 टेनरी वर्तमान में हो रही हैं कानपुर में संचालित।

-150 से ज्यादा टेनरीज एनजीटी की सख्ती के चलते बंद।

-800 से ज्यादा छोटी-बड़ी टेनरीज अवैध हो रही संचालित।

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सीपीसीबी की स्पेशल टीम ने कानपुर में गंगा में गिर रहे वेस्ट को लेकर टेनरियों का निरीक्षण किया था, जिसमें इंडस्ट्री में डिस्चार्ज ज्यादा पाया गया था। सभी टेनरीज और डाइंग, टेक्स्टाइल और ब्लीचिंग इंडस्ट्रीज को ऑनलाइन मॉनिटरिंग डिवाइस इंस्टॉल करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे क्षमता से अधिक डिस्चार्ज होने पर पता चलते ही तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

- एसपी सिंह परिहार, चेयरमैन, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड