पीआइबी क्लीयरेंस के बाद राज्य व केंद्र सरकार बीस-बीस फीसद देंगी अंशदान

- मेट्रो के स्टेशनों में की गई है कमी, भविष्य की प्लानिंग में रखा गया है

आगरा। आगरा में तीन कोच की मेट्रो को जल्द ही अनुमति मिल सकती है। कानपुर में भी मेट्रो चलाने की तैयारी है। सबकुछ अगर ठीक रहा तो दिल्ली में बुधवार (आज) को होने जा रही प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआइबी) की बैठक में इसको हरी झंडी मिल जाएगी और फरवरी माह में ही कैबिनेट की मंजूरी भी मिल जाएगी। कानपुर में छह कोच और आगरा में तीन कोच वाली मेट्रो चलाने की तैयारी है। साथ ही कॉस्ट कटिंग के लिए कानपुर व आगरा के सभी स्टेशनों पर एक-एक प्रवेश व निकास द्वार कम कर दिए गए हैं।

टीम दिल्ली के लिए हुई रवाना

बैठक में शामिल होने के लिए मेट्रो अधिकारियों की टीम मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच गई। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव पीआइबी की बैठक में दोनों जिलों के प्रोजेक्ट को पुरजोर तरीके से पास कराने का प्रयास करेंगे क्योंकि दोनों शहरों में मेट्रो संचालन की वर्तमान में आवश्यकता पिछले कई वर्षो से महसूस की जा रही है। पीआइबी क्लीयरेंस मिलते ही कैबिनेट अप्रूवल और फिर राज्य व केंद्र सरकार बीस-बीस फीसद अपना अंशदान देंगी। करीब 50 से 55 फीसद धनराशि विदेशी बैंक से लोन के रूप में लेने की प्रकिया शुरू होगी। पांच फीसद राशि अन्य ग्रांट से ली जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक कानपुर में गोविन्द नगर स्टेशन और आगरा में शास्त्री नगर स्टेशन को भविष्य के स्टेशनों में डाल दिया गया है। फिलहाल, ये दोनों मेट्रो स्टेशन नहीं बनेंगे। यही नहीं, कॉस्ट कटिंग के लिए जमीनों का अधिग्रहण और प्रत्येक स्टेशन पर एक-एक प्रवेश व निकास द्वार कम कर दिए गए हैं। दावा किया गया है कि इससे मेट्रो के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

शहर के हालातों को देखते हुए मेट्रो की जरूरत महसूस होने लगी है। शहर में जाम लगा ही रहता है। हरीपर्वत चौराहा से लेकर एमजी रोड के अन्य चौराहों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं।

प्रियंका मिश्रा

शहर में गाड़ी से निकलना समझो मुसीबत मोल लेना है। ऐसे में मेट्रो आ जाए तो काफी हद तक राहत मिल जाएगे। शहर में मेट्रो की चर्चा काफी लम्बे समय से चल रही है। यह चर्चा कब खत्म होगी यह देखने वाली बात है।

राममोहन शर्मा एडवोकेट