lucknow@inext.co.inLUCKNOW : पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा-2018 के लिये बरती जा रही सतर्कता आखिरकार काम आई और परीक्षा में धांधली की कोशिश में जहां प्रयागराज में एक कक्ष निरीक्षक व उसके दो मददगार दबोचे गए वहीं, आगरा में कॉलेज मैनेजर समेत सॉल्वर गैंग के छह सदस्यों को अरेस्ट कर लिया। उधर, सहारनपुर में सतर्कता उस वक्त हवा हो गई जब तीन परीक्षाथी अपनी कॉपियां लेकर ही फुर्र हो गए। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। इसके अलावा प्रयागराज में भी परीक्षा में नकल कराने का ठेका लेने वाले गिरोह से संबंध रखने वाले कुछ संदिग्धों को एसटीएफ ने उठाया है।

भाई की जगह दे रहा था परीक्षा

शुक्रवार को प्रयागराज में कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा में एक और मुन्नाभाई अरेस्ट कर लिया गया। कीडगंज स्थित परीक्षा केंद्र में प्रतापगढ़ के चौराना नेवादा गांव निवासी संदीप अपने भाई लवकुश की जगह प्रथम पाली में परीक्षा दे रहा था। संदीप और लवकुश के खिलाफ कीडगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। संदीप को जेल भेजने की कार्रवाई की गई। उधर, एसटीएफ ने शुक्रवार को प्रयागराज जिले के धूमनगंज के दो सेंटरों के आसपास दबिश देकर कई संदिग्धों को पकड़ा है। सलोरी के एक लाज में भी छापेमारी की। एसटीएफ तक शिकायत पहुंची है कि एक गिरोह ने परीक्षा में नकल कराने का ठेका लाखों में लिया है। सीओ एसटीएफ नोवेन्दु सिंह के मुताबिक, जालसाजों ने कई अभ्यर्थियों से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये में सौदा तय किया है। अब जालसाज मोबाइल बंद किए हुए हैं। उनकी लोकेशन ट्रेस कर छापेमारी की जा रही है।

कॉपी ले भागे

सहारनपुर में एक केंद्र से शुक्रवार को तीन परीक्षार्थी अपनी कॉपियां लेकर फरार हो गए। परीक्षा के नोडल अधिकारी एवं एसपी देहात विद्या सागर मिश्र ने बताया कि देवभूमि कालेज, रसूलपुर केंद्र पर शाम की पाली में परीक्षा दे रहे तीन छात्र आफिस कॉपी लेकर लापता हो गए। प्रधानाचार्य शिवकुमार ने परीक्षार्थी बुलंदशहर निवासी ललित, मेरठ निवासी अक्षय और बागपत निवासी मो। दानिश के खिलाफ थाना गागलहेड़ी में तहरीर दी है। इस घटना ने परीक्षा केंद्र में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।

महाविद्यालय में छापेमारी कर प्रबंधक समेत गिरोह के अन्य सदस्यों को दबोच लिया

गुरुवार को एसटीएफ ने आगरा के खंदौली में बीएल महाविद्यालय में छापेमारी कर प्रबंधक समेत गिरोह के अन्य सदस्यों को दबोच लिया था, जिनके खिलाफ शुक्रवार को धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरुवार को पकड़े गए आरोपियों में आगरा निवासी कुलदीप, हाथरस निवासी अजीत, फीरोजाबाद निवासी राजू, अलीगढ़ निवासी चंद्रवीर, हाथरस निवासी मोनू और कॉलेज प्रबंधक खंदौली के नगला नीम (आगरा) निवासी अरुण शामिल हैं। आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि चंद्रवीर का बीएल डिग्री कॉलेज में सेंटर पड़ा था। उसके लिए उन्होंने पेपर लीक करने का जाल बिछाया था। यहां से पेपर मिलने पर कई अन्य केंद्रों पर भी पेपर हल करके वॉट्सएप से भेजा जाता। पेपर लीक करने के लिए मोनू और राजू की कॉलेज में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी लगवाई गई। मोनू ने ही शाम 4।36 बजे मोबाइल से पेपर की फोटो खींचकर केंद्र के बाहर मौजूद कोचिंग संचालक के नंबर पर वाट्सएप की। इसी बीच एसटीएफ ने छापेमारी कर दी और मामला खुल गया। एडीजी अजय आनंद ने बताया कि परीक्षा खत्म होने से 24 मिनट पहले पेपर छह लोगों के बीच शेयर हुआ। सभी को पकड़ लिया गया। इसलिए पेपर लीक होने से बच गया।

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