शैलेश चंद्र दिवाकर, हरिशंकर प्रसाद कुशवाहा और चंद्र शेखर आजाद हैं परेशान

- मेयर की ओर से बेवजह परेशान करने की वजह से छोड़ना चाह रहे हैं निगम

- निगरानी जांच को प्रभावित करने का तीनों ऑफिसर पर लगाया आरोप

PATNA: पटना नगर निगम में मेयर और कमिश्नर के बीच का द्वंद्व अब डिप्टी कलेक्टर के सिर पर भी पड़ने लगा है। कई सालों से नगर निगम में काम कर रहे ऑफिसर अब यहां पर काम करना तो दूर, रहना भी नहीं चाह रहे हैं। इसको लेकर निगम कमिश्नर को लेटर लिखकर बताया कि वो मेयर की हरकतों से परेशान हैं। मेयर उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए बेवजह परेशान कर रहे हैं। इस संबंध में पटना नगर निगम के कमिश्नर की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है, लेकिन लेटर के माध्यम से ऑफिसर ने यह भी आरोप लगाया कि किस तरह से पूर्व में भी ऑफिसर के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। तीनों ऑफिसर फिलहाल नगर निगम में ओएसडी, लॉ ऑफिसर, निगरानी ऑफिसर के रूप में तैनात हैं। ये लोग डिप्यूटेशन पर यहां पर काम कर रहे हैं। मेयर ने इन लोगों पर आरोप लगा है कि ये तीनों ऑफिसर कमिश्नर के साथ मिलकर कई डॉक्यूमेंट को प्रभावित कर रहे हैं। इस पर तीनों ऑफिसर ने यह कदम उठाया है।

मेयर व कमिश्नर के बीच में फंस गए

दरअसल, मेयर और कमिश्नर के बीच चल रहे विवाद की भेंट इन ऑफिसर को चढ़ाया जा रहा है। कैमरा हटाने और मेयर के चेंबर में ताला लगाने के दौरान जब मामला बढ़ा था, तब भी इन ऑफिसर के साथ स्टैंडिंग कमेटी मेंबर की ओर से गाली-गलौज किया गया था। इसके बाद से ऑफिसर ने बैठक में जाना छोड़ दिया और इसकी जांच पटना कमिश्नर के पास चल रहा है। इसके बाद से ही इन ऑफिसर के खिलाफ इस तरह की साजिश रची गयी है। ऑफिसर ने बताया कि तीन साल से काम करने के दौरान कभी खराब नहीं हुए और अब हमलोगों टारगेट पर आ गए है।

The other side

तीन महीने का मिला एक्सटेंशन

इस विवाद के बीच तीनों ऑफिसर को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से तीन महीनों का एक्सटेंशन कर दिया गया है। अब तीनों ऑफिसर ओएसडी शैलेश चंद्र दिवाकर, निगरानी ऑफिसर हरिशंकर प्रसाद कुशवाहा, चंद्र शेखर आजाद लॉ ऑफिसर को फ्क् मार्च ख्0क्भ् के लिए एक्सटेंशन किया गया है। अब तीनों नगर निगम में ही बने रहेंगे। इन लोगों का एक्सटेंशन फ्क् दिसंबर को पूरा हो गया था।