हरितालिका तीज की पूर्व संध्या पर मार्केट में खूब रही रौनक, पार्लर में लगी रही लाइन

ALLAHABAD: हरि तालिका तीज का त्योहार बुधवार को मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना को लेकर निर्जला व्रत रहेंगी तो कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर मिलने की कामना को लेकर व्रत रखेंगी। त्योहार की पूर्व संध्या पर मार्केट में रौनक छाई रही। सिविल लाइंस, कटरा व अल्लापुर जैसी मार्केट में दिनभर महिलाएं राजस्थानी डिजाइन की मेहंदी लगवाती रही। घरों में पूजा स्थल को साफ सुथरा कर गौरी व भगवान भोलेनाथ की मिट्टी की मूर्तियां बनाई गई।

त्योहार ने रेट किया दोगुना

महिलाओं के सोलह श्रृंगार की प्रमुख सामग्री में एक मेहंदी लगाने के लिए मार्केट में खूब उत्साह दिखा। आम दिनों में पचास रुपए में मेहंदी लगाने वाले दुकानदारों ने मंगलवार को एक हाथ पर मेहंदी लगाने के लिए सौ-सौ रुपए लिया। सिविल लाइंस में सुभाष चौराहे के आसपास की दुकानों पर दोपहर बारह बजे के बाद महिलाओं और लड़कियों का तांता लगा रहा।

मॉल से लेकर पार्लर में उमड़ी भीड़

कठिन तपस्या कर अखंड सुहाग की कामना के लिए रखे जाने वाले व्रत के लिए बड़े-बड़े मॉल में महिलाओं की भीड़ लगी रही। किसी ने लहंगा खरीदने में दिलचस्पी दिखाई तो अधिकतर महिलाओं ने सिल्क व बनारसी साडि़यों की खरीदारी की। यही नहीं शहर के छोटे-बड़े ब्यूटी पार्लर में पांच सौ से लेकर एक हजार रुपए तक के पैकेज के साथ ब्राइडल मेकअप कराने के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा।

तीज व्रत की पूजा का विधान

इस व्रत में निर्जल रहकर गौरी-शंकर की अराधना की जाएगी। व्रत के दिन स्नान के बाद उमा महेश्वर सायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रत महं करिस्यते मंत्र का उच्चारण करते हुए संकल्प लिया जाएगा। शाम को पूजा स्थल पर सुहाग की सामग्री चूड़ी, बिछिया, पायल, काजल व कुमकुम सहित अन्य सामग्री लेकर शिव, पार्वती व गणेश की पूजा की जाएगी। इसके लिए चौकी पर मूर्तियों को रखकर तीज की कथा सुनी जाएगी। अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाकर व्रत तोड़ा जाएगा।

मेहंदी लगवाने के लिए मार्केट पहुंची तो दुकानदारों ने रेट बहुत बढ़ा दिया था। इसके बिना अधूरा सा लगता इसलिए दुकान पर ही मेहंदी लगवाई।

नेहा

पतिदेव के लिए इससे ज्यादा कठिन व्रत कुछ नहीं हो सकता है। खरीदारी के लिए उन्होंने साथ दिया और मार्केट से सुहाग की सामग्री खरीद कर ले आई हूं।

नीलम

दिनभर व्रत की तैयारियों में ही निकल गया। कठिन व्रत रखना है इसलिए परिजनों ने पूरा साथ दिया है। त्योहार के दिन सिर्फ माता गौरी व भोलेनाथ की अराधना करनी है।

सुषमा

बहुत से व्रत होते हैं लेकिन यह सबसे कठिन व्रत है। आज परिजनों ने घर के कामकाज में बहुत साथ दिया। पतिदेव के साथ मार्केट में खरीदारी की।

शालिनी